एंड्रॉइड यूजर्स हो जाएं सावधान, यह मालवेयर चुरा लेगा आपके फोन का सारा निजी डाटा

एंड्रॉइड यूजर्स के लिए फिर एक ऐसी खबर है जिसे सुनकर उन्हें अपने डाटा की चिंता सताने लगेगी। वैसे तो लगभग हर दूसरे या तीसरे दिन ही इस तरह के वायरसेज या मालवेयर की खबरें आती ही रहती हैं जो यूजर्स के डाटा या डिवाइस के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। एक बार फिर से ऐसी ही खबर सामने आई है जिसके एंड्रॉइड यूजर्स को सतर्क रहने की जरुरत है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एंड्रॉइड में एक नए तरह का मालवेयर पाया गया है जो यूजर्स को झांसा देकर डाउनलोड हो जाता है। यह नया एंड्रॉइड मालवेयर खुद को सिस्टम अपडेट के रूप में दिखा रहा है। इस मालवेयर से अभी तक कितने यूजर्स प्रभावित हुए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। तो आइए जानते हैं इस नए एंड्रॉइड मालवेयर के बारे में। जानें इस नए एंड्रॉइड मालवेयर के बारे में: यह नया एंड्रॉइड मालवेयर यूजर्स की जानकारी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह मालवेयर यूजर के ओरिजनल सिस्टम अपडेट नोटिफिकेशन जैसा ही लगता है। ऐसे में अगर आपके पास सिस्टम अपडेट को लेकर कोई भी नोटिफिकेशन आती है तो उसे डाउनलोड करने से पहले नोटिफिकेशन अलर्ट को अच्छी तरह से जांच लें। इस एंड्रॉइड मालवेयर को सबसे पहले सिक्योरिटी एस्कॉर्ट फर्म Zimperium ने खोजा था। खबरों के मुताबिक, अगर आप अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर गलती से इस मैलवेयर को इंस्टॉल कर लेते हैं तो यह आपके निजी डाटा जैसे व्हाट्सएप मैसेज, एसएमएस, टेलीग्राम इनबॉक्स, ब्राउजर से बुकमार्क, गैलरी से फोटो अन्य को एक्सेस कर पाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एंड्रॉइड मालवेयर रियल-टाइम के आधार पर काम करता है। यह हर बार एक नई जानकारी उत्पन्न होने पर अपनी मदरशिप कंपनी को भेजता है। यह भी कहा जा रहा है कि एंड्रॉइड मालवेयर ऑन-डिवाइस स्टोर किया जाता है और समय-समय पर अपने कमांड सेंटर को यूजर का डाटा ट्रांसमिट करता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि हैकर्स के पास आपके एंड्रॉईड फोन का डाटा अप-टू-डेट वर्जन में पहुंच सके। हालांकि, इस मालवेयर को पहचचना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह ओरिजनल सिस्टम अपडेट नोटिफिकेशन की तरह ही लगता है। ऐसे में किसी भी अपडेट को नोटिफिकेशन जरिए अपडेट करने से पहले सावधान रहने की जरुरत है। जिस एंड्रॉइड ऐप में यह खतरनाक मालवेयर मौजूद है वह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। बता दें कि एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स में डिफॉल्ट रूप से ही थर्ड पार्टी ऐप्स को इंस्टॉल करने का विकल्प होता है जिसे यूजर डिसेबल भी कर सकता है। ऐसे में अगर यह विकल्प डिसेबल होगा तो फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को इस मालवेयर को इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देगा। हम आपको यही सलाह देंगे कि आप इस विकल्प को डिसेबल ही रखें। यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की कोई मालवेयर से प्रभावित ऐप या सॉफ्टवेयर यूजर्स के जानकारी चुराने का काम कर रहा है। एंड्रॉइड के साथ यह दिक्कत पिछले काफी समय से चलती आ रही है। इस तरह के मैलवेयर से सुरक्षित रहने के लिए यूजर्स को इस तरह के किसी भी अपडेट को इंस्टॉल करने से पहले उसके URL को ठीक से जांचना चाहिए। साथ ही उसके स्रोत की जांच भी करनी चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक बार अगर आपके फोन में ऐसा मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है तो उनसे छुटकारा पाना कई बार और कई स्थितियों में बेहद मुश्किल होता है।


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