संयम जैन, नई दिल्ली। स्पाइवेयर दो साल के ब्रेक के बाद एक बार फिर खबरों में है। ग्लोबल रिपोर्ट्स से पता चला है कि NSO ग्रुप्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनिय भर के राजनीतिक नेताओं, व्यापारियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं सहित लगभग 50,000 लोगों की जासूसी करने के लिए किया गया था। यह मालवेयर यूजर्स की जासूसी करने के लिए डिवाइस ऑपरेटिंग सिस्टम को अपना शिकार बनाता था और उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेता है। क्या आप जानते हैं कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि आपके फोन पर Pegasus स्पाइवेयर ने हमला किया है या नहीं? अगर नहीं जानते हैं तो चलिए हम इसका प्रोसेस बता देते हैं। केसे पता लगाएं की आपका फोन Pegasus स्पाइवेयर का शिकार बन चुका है या नहीं: एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिसर्चर ने एक टूलकिट डेवलप किया है जो यूजर्स को यह पहचानने में मदद कर सकता है कि उनका फोन स्पाइवेयर के चपेटे में था या नहीं। स्पाइवेयर पहचान करने के लिए iOS बैकअप और फाइल सिस्टम डंप से रिकॉर्ड का एनालाइज करता है। मोबाइल वेरिफिकेशन टूलकिट iOS और Android दोनों पर काम करता है। यह एंड्रॉइड डिवाइस से डाटा प्राप्त करने और एनालाइज करने के प्रोसेस को आसन करता है। MVT दोनों iOS और Android दोनों के लिए है, लेकिन एप्लिकेशन को इनस्टॉल करने के लिए कोई समाधान नहीं है। उन्हें एक प्रोसेस के जरिए डाउनलोड करने की जरूरत पड़ती है जो केवल Linux या macOS वाले कंप्यूटर पर ही किया जा सकता है। Android और iPhones में कैसे काम करता है MVT: Android डिवाइस के लिए, MVT SMS या टेक्स्ट मैसेज के जरिए भेजे गए किसी भी तरह के NSO ग्रुप के डोमेन की जांच करता है। यह डिवाइस पर किए गए इंस्टॉल सभी ऐप्स की भी जांच करता है की किसी एप द्वारा डिवाइस से छेड़खानी तो नहीं की गई है। iPhones पर MVT बैकअप को एनालाइज करता है और ऐसे किसी भी संकेत की जांच कर सकता है जो बताता है कि डिवाइस से छेड़छाड़ की गई थी। टूलकिट में Pegasus-संबंधित डोमेन पढ़ने की क्षमता है जो डिवाइस बैकअप में दिखाई दे सकते हैं। क्या साधारण एंटी वायरस की ले सकते हैं मदद ? ज्यादातर एंटीवायरस Pegasus का पता नहीं लगा सकते हैं क्योंकि यह मैलवेयर जीरो-डे की कमजोरियों का फायदा उठाता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम और एंटीवायरस एप्लिकेशन के डेवलपर्स के लिए अंजान हैं।
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