इस बात से सभी वाकिफ हैं कि ऋषि कपूर और नीतू कपूर की शादीशुदा जिंदगी जितने प्यार के साथ शुरू हुई थी, दोनों की जिंदगी में उतने ही कड़वाहट भरे लम्हे भी आए थे। एक समय ऐसा आ गया था, जब लोगों को लगा कि अब ये दोनों साथ नहीं रह सकेंगे। हालांकि, वे न सिर्फ साथ बने रहे, बल्कि ऋषि के आखिरी समय तक नीतू उनका मजबूत सहारा बनी रहीं। ये दोनों भले ही अपने बुरे दौर से आगे बढ़ गए थे, लेकिन इस फेज़ ने जिस तरह से रणबीर को प्रभावित किया, उसका असर आज तक नजर आता है। ऋषि, नीतू और रणबीर से जुड़ी इन बातों से आप समझ सकते हैं कि माता-पिता के रोज-रोज के झगड़ों का बच्चे के मानसिक और भावनात्मक विकास पर कितना नकारात्मक असर पड़ता है। ऋषि और नीतू के झगड़े कहा जाता है कि ऋषि कपूर का गुस्सैल रवैया और उन्हें लगी शराब की लत के कारण उनकी शादीशुदा जिंदगी बद से बदतर होती चली गई। हालात इतने बिगड़ गए थे कि नीतू ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा तक का मामला दर्ज करा दिया था। कहा जाता है कि इसके बाद दोनों ने अलग रहना शुरू कर दिया था और पैसे कमाने के लिए नीतू ने सलॉन ओपन कर लिया था। हालांकि, बाद में दोनों ने अपने डिफ्रेंस दूर किए और ऋषि की ड्रिकिंग की हैबिट में कमी आई, तब दोनों के बीच की कड़वाहट कम होने लगी और उन्होंने फिर से साथ रहना शुरू कर दिया। रिश्ते तबाह कर देती है शराब दुनियाभर में शादियों के टूटने की बड़ी वजहों में से एक शराब है। इस तरह की शादियों में मानसिक प्रताड़ना से लेकर झगड़े और घरेलू हिंसा के मामले आम होते हैं। शराब की लत व्यक्ति की न सिर्फ शादी बल्कि अन्य रिश्ते और यहां तक कि उसका करियर भी बर्बाद कर सकती है, जो उसे सड़क पर ला सकता है। 'मैं बस प्रार्थना करता था कि वे अब चुप हो जाएं' ऋषि और नीतू ने भले ही डिफ्रेंस दूर कर लिए थे, लेकिन उनके झगड़ों ने बच्चों को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा दिया था। रणबीर ने एक इंटरव्यू में खुलकर इस बारे में बात की थी। उन्होंने बताया था कि उनके पैरंट्स सुबह 5-6 बजे तक लगातार लड़ते रहते थे। इस दौरान रणबीर घर की सीढ़ियों पर बैठकर, घुटनों के बीच अपना मुंह छिपाए रहते थे। वे रोते हुए बस यही उम्मीद करते थे कि उनके माता-पिता अब झगड़ना बंद करें। फूलों की सेज नहीं प्यार रणबीर ने आगे बताया था कि नीतू और ऋषि के झगड़ों ने रिश्तों को समझने और उसे लेकर उनके नजरिए पर काफी असर डाला। 'मुझे समझ में आया कि शादी या रिलेशनशिप फूलों की सेज नहीं है, बल्कि इसका एक बुरा पक्ष भी है।' रिलेशनशिप ट्रबल फेस करते हैं ऐसे बच्चे जिनकी परवरिश ऐसे घरों में हुई होती है, जहां पर माता-पिता के बीच झगड़े आम हों, उन्हें खुद भी रिलेशनशिप को चलाने में दिक्कत पेश आती है। कई स्टडीज में यह सामने आ चुका है कि ऐसे लोग कमिटमेंट और इमोशन्स को एक्सप्रेस नहीं कर पाने के इशू से जूझते हैं। साथ ही में रिलेशनशिप में वे हमेशा 100 प्रतिशत देने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें हर्ट रहने का डर रहता है। इस वजह से वे रिश्ते में भी प्रैक्टिकल अप्रोच ज्यादा रखते हैं। शायद यही वजह है कि रणबीर के नाम कई ब्रेकअप से जुड़े हैं। पिता के साथ नहीं कर पाते थे बात रणबीर और ऋषि दोनों ने ही माना था कि उनके बीच आम पिता-बेटे जैसा रिश्ता नहीं है। इसके लिए उस पीरियड को ही जिम्मेदार ठहराया गया, जब ऋषि और नीतू के बीच रोज लड़ाइयां होती थीं। इस वजह से रणबीर अपनी मां के तो करीब बने रहे, लेकिन पिता से वह इमोशनल अटैच नहीं हो सके। नीतू ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पति और बेटा एक साथ भी रहें, तो भी उनके बीच बातचीत नहीं होती है। जब वह घर पहुंच जाती हैं या उनके साथ बैठती हैं, तभी दोनों कुछ कह पाते हैं। हालांकि, ऋषि को जब कैंसर होने की बात सामने आई, तब जरूर रणबीर सबकुछ छोड़ अपने पिता के साथ मजबूती से खड़े रहे। इस फेज ने भी काफी हद तक दोनों के बीच की दूरी को कम करने में मदद की थी। माता-पिता से होते हैं रिश्ते खराब सिर्फ रणबीर ही नहीं बल्कि ऐसे कई लोग हैं, जिनका बचपन माता-पिता के झगड़ों को देखते हुए बीता है। ऐसे लोग किसी एक पैरंट या फिर मां और पिता दोनों से ही इमोशनल कनेक्शन महसूस नहीं कर पाते हैं। उन्हें अपने ही पैरंट्स की मौजूदगी में घुटन महसूस होती है और वे उनसे बात करने में भी हिचकिचाते हैं। ऐसे लोग नौकरी लग जाने पर अक्सर अलग रहना शुरू कर देते हैं, क्योंकि उन्हें इस माहौल से दूरी ही रिलैक्स महसूस करवा पाती है।
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