नई दिल्ली हाल ही में 2 के ब्लास्ट होने की खबर सामने आई थी। दिल्ली के एक वकील ने ट्वीट कर कहा था कि उसके Nord 2 में अचानक आग लग गई थी। इस हादसे के एक हफ्ते के ज्यादा समय के बाद कंपनी ने उसके दावों को अपमानजनक बताया है। साथ ही उस व्यक्ति को एक सीरज और डिसिस्ट नोटिस भेजा है। बता दें कि 10 सितंबर को दिल्ली में वकील गौरव गुलाटी ने आरोप लगाया था कि OnePlus Nord 2 में लगभग 90 फीसद बैटरी थी और फोन चार्जिंग प्लग में भी नहीं लगा था। बिना कुछ किए ही अचानक से फोन में आग लग गई। कंपनी ने उस समय उस व्यक्ति से संपर्क किया था और उससे डिवाइस के आगे के टेस्ट के लिए कहा था जिसके लिए उसे डिवाइस को जमा कराना था। हालांकि, गुलाटी ने कहा कि वह कानूनी रास्ता अपनाएगा। जब वह आधिकारिक शिकायत दर्ज करेगा तब वो उस डिवाइस को पुलिस को सौंप देगा। OnePlus India ने पुष्टि कर बताया है कि कंपनी ने गुलाटी को सीज और डिसीस्ट लेटर भेजा है। कंपनी ने कहा, 'हम पुष्टि करते हैं कि हमने संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी किया है। हम इस मामले को सुलझाने के लिए उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे।' सीज और डिसीस्ट लेटर में, OnePlus का दावा है कि गुलाटी ने नुकसान का कोई सबूत देने से इनकार कर दिया है। ट्विटर पर उनके द्वारा शेयर की गई फोटोज से पता चलता है कि बैटरी पोल पर कुछ एक्सटर्नल फोर्स लगाई गई है। क्योंकि गुलाटी ने कंपनी द्वारा दी गई सहायता को स्वीकार नहीं किया और कंपनी को वह सबूत नहीं दिया जो उसने मांगा था। OnePlus का कहना है कि जो भी टिप्पणियां की गईं वो बिना पुष्टि या उचित पूछताछ के की गई थीं। इस पत्र ने न केवल गुलाटी को अपने बयानों को पोस्ट करने से बंद के लिए कहा गया है कि बल्कि मौजूदा ट्वीट्स को हटाने और उनकी पोस्ट के लिए बिना शर्त लिखित माफी के लिए भी कहा गया है। जो पत्र कंपनी द्वारा भेजा गया है उसमें उल्लेख किया गया था कि गुलाटी के दावों को हमारी जैसी वेबसाइटों द्वारा प्रकाशित किया गया था। साथ ही यूजर्स को मीडिया पब्लिकेशन से संपर्क करने और स्पष्टीकरण बयान जारी करने का अनुरोध करने के लिए भी कहा है। वहीं, OnePlus India ने अभी तक कोई भी नया बयान जारी नहीं किया है। इससे पहले 10 सितंबर को कंपनी ने कहा था: 'कल शाम, एक व्यक्ति ने हमें ट्विटर पर OnePlus Nord 2 के लिए एक कथित ब्लास्ट मामले के बारे में बताया था और हमारी टीम इस दावे की वैधता को वेरिफाई करने के लिए तुरंत उस व्यक्ति तक पहुंच गई। हम यूजर्स की सुरक्षा के लिए इस तरह के हर दावे को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हालांकि, डिवाइस का एनालिसिस जिसमें प्रीमसिस की विजिट भी शामिल थी, कई बार किया गया है और कई प्रयासों के बावजूद व्यक्ति की उपस्थिति में इसकी जांच करने के लिए, उन्होंने अब तक हमें उचित निदान करने के अवसर नहीं दिया है। ऐसी परिस्थितियों में, हमारे लिए इसकी वैधता को वेरिफाई करना या मुआवजे के लिए की गई मांगों को पूरा करना असंभव है।' बता दें कि गुलाटी के साथ हुआ हादसा पहला नहीं है जब OnePlus Nord 2 में इस तरह की खराबी के चलते आग लगी है। फोन में विस्फोट या आग लगने के दो अन्य मामले इससे पहले भी सामने आए थे। इनमें से एक को लेकर कंपनी ने दावा किया था कि वह एक झूठी रिपोर्ट थी और इसमें उसकी डिवाइस शामिल नहीं थी। वहीं, पहले मामले में, कंपनी ने दावा किया था कि यह ब्लास्ट एक्सटर्नल फैक्टर्स द्वारा हुआ है। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग या प्रोडक्शन की कोई गलती नहीं है।
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