how to fight against : साइबर क्राइम की घटनाएं कितनी बढ़ चुकी हैं इसका अंदाजा इससे संबंधित आने वाले मामलों से लगाया जा सकता है। हैकर्स यूजर्स को लूटने और उन्हें झांसा देने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। चाहें वो OTP फ्रॉड हो या सिम फ्रॉड या फिर किसी फ्री गिफ्ट का लालच देना, हैकर्स बहुत ही चालाक हो गए हैं। वे यूजर्स का अकाउंट खाली करना चाहते हैं या फिर उनकी निजी जानकारी चुराना चाहते हैं। इस तरह के मामलों को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU), दिल्ली और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (NLIU), भोपाल के साथ एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत साइबर लॉ, क्राइम इंवेसिटगेशन और डिजिटल फॉरेंसिक, साइबर लॉ पर ऑनलाइन कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के लिए एक साइबर लैब शुरू की जाएगी। या यूं कहें कि इस लैब को स्थापित किया जा सकेगा। इस लैक का क्या फायदा होगा यह हम आपको बता देते हैं। ये भी पढ़ें- आखिर क्यों होगी साइबर लैब की शुरुआत इस नई सर्विस का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों, स्टेट साइबर सेल, लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों, प्रॉसिक्यूटर्स और न्यायिक अधिकारियों को भारतीय साइबर कानून के अनुसार ट्रेनिंग देना है। इस ट्रेनिंग में साइबर फोरेंसिक मामलों से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए जरूरी स्किल्स को उपलब्ध कराया जाएगा। यह स्कील्स इस तरह के मामलों से निपटने की क्षमता प्रदान करेंगी। NeGD ने NLIU भोपाल के सहयोग से अपने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) के जरिए 1000 अधिकारियों को 9 महीने का ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा प्रदान करने की पहल की है। यह प्रोग्राम इन लोगों को (जिन्हें इसे सीखने की अनुमति दी गई है) कभी-भी कहीं-भी चलते-फिरते इस डिप्लोमा कोर्स को सीखने की अनुमति देता है। ये भी पढ़ें- जो प्रतिभागी इस कोर्स को करेंगे उन्हें इस कोर्स को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU) के दिल्ली के परिसर में स्थापित की जाने वाली साइबर लैब में एक प्रैक्टिकल ट्रेनिंग सेशन और पर्सनल कॉन्टैक्ट प्रोग्राम से गुजरना होगा। जिस साइबर लैब को बनाने की बात कही जा रही है वो हाइब्रिड आर्किटेक्चर से लैस होगी जो साइबर लॉ, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के वर्चुअल और फिजिकल मोड दोनों को सपोर्ट करेगी। ये भी पढ़ें- एक बयान के अनुसार, “लैब में AR /VR फीचर्स के साथ 25 यूजर्स की एक ट्रेनिंग रूम कैपेसिटी होगी। साथ ही 25 यूजर्स में से हर एक के लिए रिमोट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी। अन्य लॉ स्कूल/विश्वविद्यालय जैसे नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (बैंगलोर), राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (पटियाला) आदि भविष्य के लिए हब एंड स्पोक मॉडल में शामिल किए जाएंगे। ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (NeGD), फैक्लटी मेंबर्स से मिले सपोर्ट के आधार पर ई-कंटेंट विकसित करेगा। NLIU, भोपाल इस कोर्स के लिए प्रमुख अकादमिक पार्टनर होगा और इस कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रतिभागियों को PG डिप्लोमा सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराएगा।
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