पेगासस स्पाईवेयर के बारे में सुना… आप पर मंडरा रहा है हैकिंग का खतरा, नहीं किया ये काम तो हो जाएगा नुकसान

नई दिल्ली। मालवेयर्स का खतरा तो यूजर्स पर हमेशा बना ही रहता है। एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल भारतीय यूजर्स की जासूसी करने के लिए किया जा रहा था। वर्ष 2019 में, इस मामले को तब प्रकाश में लाया जब उसने मई 2019 में भारत समेत दुनियाभर के 20 देशों में हो रहे पेगासस स्पाइवेयर को लेकर इजरायली स्पाइवेयर निर्माता एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था। यह स्पाईवेयर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, वकीलों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर जासूसी कर रहा था। WhatsApp ने अब खुलासा किया कि उसने कई भारतीय यूजर्स से संपर्क किया है। ये वो यूजर्स हैं जिनके लिए लगता है कि उन पर पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा है। कई प्रमुख वेबसाइट्स ने पेगासस स्पाईवेयर को लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि कैसे पेगागस यूजर्स की निगरानी करता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 40 से ज्यादा पत्रकार, कार्यकर्ता और अन्य प्रमुख लोग शामिल हैं जिनपर जासूसी की जा रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत समेत 10 से ज्यादा सरकारें पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करने वाले लोगों की निगरानी में शामिल हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर पेगासस स्पाईवेयर क्या है, यह कैसे काम करता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। क्या है पेगासस स्पाईवेयर? पेगासस को एक इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप द्वारा डेवलप किया गया था। सबसे पहले यह स्पाईवेयर 2016 में सामने आया था। यह मामला तब सामने आया जब करीब एक अरब एक्टिविस्ट को एक संदिग्ध मैसेज गया। ऐसा कहा गया था कि यह आईफोन को ज्यादा टारगेेट कर रहा थआ। हालांकि, कंपनी ने आईफोन के लिए अपने सॉफ्टवेयर का एक अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया था जिसमें सुरक्षा खामियों को ठीक किया गया था। कहा जा रहा है कि यह स्पाईवेयर जल्द ही एंड्रॉइड यूजर्स पर भी अटैक कर सकता है। इसके लिए एक्सपर्ट्स ने बताया था कि एक साल बाद यह स्पाइवेयर एंड्रॉयड फोन को भी प्रभावित कर सकता है। जानें पेगासस स्पाईवेयर कैसे यूजर को प्रभावित कर सकता है? पेगासस सॉफ्टवेयर यूजर के फोन को काफी प्रभावित करता है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि को तब भी प्रभावित कर सकता है जब आपकी चैट एंड टू एंड एनक्रिप्टेड हो। रिसर्च के अनुसार, पेगासस स्पाईवेयर यूजर के निजी मैसेज को देख सकता है। साथ ही यूजर्स के कॉल को भी ट्रैक कर सकता है। सिर्फ यही नहीं, ऐसा भी कहा जा रहा है कि यूजर की लोकेशन, डाटा और वीडियो कैमरा के डाटा को भी यह स्पाईवेयर बहुत ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इस तरह बचें: कहा जाता है कि इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल सरकारें लोगों की जासूसी करने के लिए करती हैं। ऐसे में इसे सोफिस्टिकेटेड भी कहा जाता है। वैसे तो इससे बचने के लिए फोन और ऐप कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स पर ज्यादा सिक्योरिटी उपलब्ध करा दी है। ऐसे में आप हमेशा फोन और ऐप्स को अप टू डेट रखें। साथ ही किसी भी संदिग्ध मैसेज या मेल पर क्लिक न करें।


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