आज के समय में और का इस्तेमाल आम हो गया है। लोगों सुविधाओं के लिए क्रेडिट और डेबिट कार्ड को बनाया गया है ताकि उन्हें हमेशा अपने साथ कैश लेकर न चलना पड़े। इनके इस्तेमाल से छीना झपटी और चोरी की संभावनाएं कम हो जाती हैं और खर्च किए गए धन का पूरा लेखा-जोखा रहता है। वहीं कुछ लोग सुविधा के लिए बनाई गई इन चीजों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करते हैं। अगर आप भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनका इस्तेमाल करते वक्त सावधान रहने की जरूरत है। जी हां आजकल डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान कार्ड धारकों की पर्सनल जानकारी भी लीक हो जाती हैं। इन जानकारियों के चलते ही ग्राहक धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इन बातों पर देना चाहिए ध्यान: बताया जा रहा है कि लगभग 10 करोड़ से ज्यादा क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड होल्डर्स की जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है। इन पर्सनल जानकारियों में कार्ड होल्डर के नाम से लेकर मोबाइल नंबर, मेल आईडी, कार्ड के पहले चार अंक और कार्ड के आखिरी 4 अंक बेचे जा रहे हैं। डार्क वेब पर बिक रही ये जानकारियां ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स जैसे कि , और आदि से लीक हो रही हैं। मीडिया सोर्स के अनुसार, यूजर्स की यह पर्सनल इंफॉर्मेशन अगस्त 2020 में लीक हुई। ऐसे यूजर्स जिन्होंने मार्च 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक ट्रांजेक्शन की हैं उनकी जानकारियां इसमें शामिल हैं। इन इंफॉर्मेशन में अधिकतर भारत के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड धारकों की जानकारियां शामिल हैं। इन लीक हुई इंफॉर्मेशन में डेबिट और क्रेडिट कार्ड की एक्सपायरी डेट, कस्टमर आईडी और स्कैन कार्ड तक हैं। पहले भी कई बार यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक हो चुका है। आपको बता दें कि 2019 में भी लगभग 13 लाख से ज्यादा व्यक्तियों के कार्ड्स की इंफॉर्मेशन लीक हो गई थी। पहले भी लीक हुई इंफॉर्मेशन को डार्क वेब पर बेचा जा चुका था। अगर आपके साथ कोई भी धोखाधड़ी हो तो उससे पहले ही आपको इस स्थिति से बचने के लिए सावधान रहना जरूरी है। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि जब भी किसी वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त भुगतान करें तो अपने कार्ड की जानकारी को वहां पर सहेज कर न रखें यानी कि कार्ड की डीटेल को वहां पर सेव न करें। वहीं अगर आपने पहले अपनी कार्ड की डीटेल वहां सेव कर रखी हैं तो उन्हें वहां से हटा दीजिए। वहीं आप ऐसे में किसी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचने के लिए अपने क्रेडिटा या डेबिट कार्ड के 4 अंकों के पिन को बदल भी दीजिए। अगर आपके साथ कोई धोखाधड़ी होनी शुरू हो गई है या आपके अकाउंट से पैसा कम हो रहा है तो तुरंत बैंक को इसकी सूचना दें। इसके अलावा आपको तुरंत इसकी शिकायत साइबर सेल में करनी है।
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