पूरी तरह दो विरोधी खेमों में बंट चुके अमेरिकी लोग राष्ट्रपति चुनाव से पहले बंदूकों की खरीदारी पर उतर आए हैं। मंगलवार को मतदान और उसके बाद हिंसा की आशंका से घिरे अमेरिकन इस साल अब तक 1 करोड़ 70 लाख से ज्यादा बंदूकें खरीद चुके हैं। करीब 60 लाख लोग ऐसे है जिन्होंने पहली बार किसी तरह का हथियार खरीदा है। इनमें भी अश्वेत सबसे ज्यादा हैं। करीब 40% महिलाएं हैं। अकेले सिंतबर में 18 लाख बंदूकें खरीदी गईं। यह पिछले साल से 66% ज्यादा है।
अमेरिका में छोटे हथियारों की खरीदारी का विश्लेषण करने वाली रिसर्च कन्सल्टेंसी स्मॉल आम्र्स एनालिटिक्स एंड फोरकास्टिंग (एसएएएफ) के चीफ इकोनोमिस्ट जर्गन ब्रेउर बताते हैं कि अगस्त तक पिछले साल के बराबर बंदूके बिक चुकी थीं। वहीं सितंबर में अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री का रिकॉर्ड को छू लिया था। इससे पहले 2016 में सबसे ज्यादा 1.66 करोड़ बंदूकें बिकी थीं।
सबसे ज्यादा हैंडगन की बिक्री में बढ़ोतरी
पूरे अमेरिका में सितंबर 2019 के मुकाबले इस वर्ष सितंबर में हैंडगन की बिक्री में 81% और सिंगल लॉन्ग गन की बिक्री में 51% बढ़ोतरी हुई। बाकी तरह की बंदूकों की 50% ज्यादा खरीदारी हुई। जानकारों का कहना है कि आत्मरक्षा के नाम पर बंदूकें खरीदीं हैं, इसलिए ही कपड़ों में रखी जा सकने वाली हैंडगन की सबसे ज्यादा बिक्री हो रही है।
बंदूकों की ज्यादा बिक्री की दो प्रमुख कारण
1- चुनाव के बाद हिंसा का डर
चुनावी माहौल में दो खेमों में बंट चुके अमेरिकी चुनाव के बाद नतीजों को लेकर हिंसा हो सकती है। ऐसे में आत्मरक्षा के लिए छोटे हथियारों की जरूरत पड़ सकती है।
2-गन कल्चर पर रोक की संभावना
डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन अमेरिका में गन कल्चर को सख्त कानून के जरिए रोकने के पक्षधर हैं। सर्वे में बाइडेन ट्रंप से आगे हैं। माना जा रहा है बाइडेन जीते तो बंदूकों पर नियंत्रण लागू हो सकता है। ऐसे में लोग पहले ही हथियार खरीदकर रख लेना चाहते हैं।
वालमार्ट ने स्टोर्स से बंदूक और कारतूस हटाए
वालमार्ट ने इसी सप्ताह अपने सभी स्टोर्स में डिस्प्ले से बंदूकों और कारतूसों को हटा दिया। स्टोर मैनेजरों ने लूटपाट के हालात में स्टोर्स से बंदूकों को लूटे जाने संभावना को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया है। वालमार्ट ने पिछले साल सेना जैसी राइफलों के कारतूस न बेचने का फैसला किया था।
ट्रंप फिर बोले- कई सप्ताह नहीं आएगा रिजल्ट, अव्यवस्था फैलेगी
पेनसिल्वानिया के न्यूटाउन और रीडिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि 3 नवंबर को मतदान के बाद भी चुनाव का फैसला नहीं हो पाएगा। मतपत्रों की गिनती नहीं हो सकेगी। लोगों को कई सप्ताह तक परिणाम का इंतजार करना पड़ेगा। समय पर नतीजा नहीं आएगा क्योंकि पेनसिल्वानिया बहुत बड़ा राज्य है। 3 नवंबर चला जाएगा और हमें जानकारी नहीं मिलेगी। हम अपने देश में अव्यवस्था फैलते हुए देखेंगे। ट्रंप एक बार पहले भी ऐसा बयान दे चुके हैं।
जकरबर्ग को भी अराजकता का अंदेशा
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग भी राष्ट्रपति चुनाव के बाद अराजकता की आशंका जाहिर कर चुके हैं। उन्होंंने कहा, मुझे चिंता है हमारा देश इतना ज्यादा बंट गया है। चुनाव के नतीजों को आने में कई दिन या सप्ताह लग सकते हैं, ऐसे में पूरे देश में अराजकता फैलने का खतरा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3623rhA
0 Comments