प्रत्युषा बनर्जी-सुशांत सिंह राजपूत के केस की वो 5 समानताएं, जिनके बारे में सभी को जरूर जानना चाहिए

एक ओर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की गुत्थी सुलझने की जगह और उलझती नजर आ रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस दुनिया को अचानक छोड़कर चली जाने वाली ऐक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी को उनके फैन्स एक बार फिर याद कर रहे हैं। 10 अगस्त 1991 को जन्मी यह अदाकारा अगर जिंदा होती, तो वह आज 28 साल की हो चुकी होतीं। 'बालिका वधू' से रातोंरात स्टार बन जाने वाली इस अदाकारा की जिंदगी आत्महत्या से खत्म होगी, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। कहा जाता है कि प्रत्युषा अपने बॉयफ्रेंड राहुल राज सिंह के कारण काफी तनाव में थीं, जिस वजह से उन्होंने यह कदम उठा लिया। असलियत क्या है? यह आज तक सामने नहीं आ सका है। लेकिन सुशांत और प्रत्युषा की रिलेशनशिप्स में कुछ बातें इतनी समान हैं, जिनसे शायद यंग कपल्स को सबक लेना बहुत जरूरी है। दूसरे व्यक्ति को हावी होने देना सुशांत सिंह राजपूत का केस हो या फिर प्रत्युषा बनर्जी का, दोनों ही मामलों में उनके लव्ड वन उनकी जिंदगी पर हावी थे। कहा जाता है कि राहुल गर्लफ्रेंड प्रत्युषा को कई ऐसी चीजें करने के लिए प्रेशराइज करते थे, जो ऐक्ट्रेस को बिल्कुल पसंद नहीं आती थीं। वहीं सुशांत के केस में उनके करीबियों के बयान के मुताबिक, रिया ने ऐक्टर के आसपास के स्टाफ को पूरा चेंज कर दिया था। हालात यह हो गए थे कि सुशांत की जिंदगी के फैसले भी रिया से होकर ही जाने लगे थे। इस तरह की स्थिति व्यक्ति को मेंटल और इमोशनली बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। प्यार उन पर बर्डन बनने लग जाता है और वे जबरदस्त स्ट्रेस के शिकार हो जाते हैं। उन्हें ऐसा लगने लगता है कि उनकी खुद की जिंदगी अब उनकी नहीं रही और वे महज किसी के पपेट बन गए हैं। प्यार में अपने साथी को खुद पर हक देना तो सही है, लेकिन इसके लिए एक सीमा तय की जानी बेहद जरूरी है, ताकि साथी आप पर इतना हावी न हो सके कि आपकी लाइफ पर से आपका ही कंट्रोल हट जाए। प्यार में सबकुछ सहना सुशांत और प्रत्युषा दोनों के ही करीबी इस बात को कहते दिखे हैं कि प्यार के कारण इन ऐक्टर्स ने काफी कुछ सहा, लेकिन सबके सामने वे इसे जाहिर करने से बचते रहे। ऐसा आम रिलेशनशिप में भी कई बार देखने को मिलता है। प्यार के कारण व्यक्ति शोषण से लेकर प्रताड़ना तक सह जाता है, लेकिन लंबे समय में यह नुकसान सिर्फ और सिर्फ उसे ही पहुंचाता है। प्यार का मतलब यह कतई नहीं है कि साथी का हर तरह का बर्ताव सहा जाए। यह न भूलें कि आपका अपना आत्मसम्मान है, जिससे किसी भी हालत में समझौता नहीं किया जाना चाहिए। पैसों का मामला एक ओर प्रत्युषा के मामले में कहा जाता था कि राहुल उनसे काफी पैसे खर्च करवाते थे, तो वहीं सुशांत के मामले में रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि रिया का हर खर्चा ही यह स्टार उठाया करता था। यह तक कहा गया है कि । एक बात सभी कपल्स को समझना बेहद जरूरी है कि प्यार और पैसों को अलग-अलग रखना ही बेस्ट होता है। लव के नाम पर गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड की हर डिमांड को पूरा करना या उन पर पैसे खर्च करते जाना, महज बेवकूफी है, जो कंगाल तक बना सकती है। 'जितनी चादर उतने पैर फैलाना' की कहावत को गांठ बांधकर रखें और पैसों की बातों को लेकर प्रैक्टिकल अप्रोच ही जारी रखें। साथ ही अगर आपको जरा सा भी लगे कि पैसों के खातिर आपका इस्तेमाल किया जा रहा है, तो राहें अलग करने में देर न लगाएं। माता-पिता से दूरी सुशांत का परिवार जहां रिया पर ऐक्टर को उनसे अलग करने का आरोप लगाता है, तो वहीं प्रत्युषा की मौत के बाद उनके माता-पिता ने भी राहुल को लेकर यही बातें कही थीं। दोनों ही परिवारों का कहना था कि उनके बच्चों को कंट्रोल में रखा जाता था और उन्हें फैमिली के खिलाफ भड़काया जाता था। इन दावों के सच की पुष्टि भले ही अब तक न हुई हो, लेकिन एक बात तय है कि दोनों ही सितारे रिलेशनशिप में आने के बाद अपनी फैमिली से दूर हो गए थे। अनमैरिड से लेकर मैरिड कपल्स के बीच में भी इस बात को देखा जाता है कि वे अपने साथी के प्यार और रिश्ते में इतना डूब जाते हैं कि वे अपने ही परिवार से दूर होने लगते हैं। चाहे यह इंटेंशनल न भी हो, लेकिन यह न भूलें कि आपका प्यार अपनी जगह है और परिवार अपनी जगह। अगर इन दोनों के बीच क्लैश आता है, तो दोनों को एक-दूसरे से अलग कर संभालने की कोशिश करें। प्यार के खातिर परिवार से दूर होने की भूल आपके लिए भविष्य में बड़ा पछतावा बन सकती है। खुद की वैल्यू भूल जाना प्रत्युषा और सुशांत दोनों ही स्टैब्लिश स्टार्स थे। लेकिन प्यार में पड़ने के बाद जैसे दोनों एकदम से गायब होते दिखे। इसके लिए उनकी रिलेशनशिप को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जाता है। अक्सर देखा जाता है कि प्यार में पड़ने पर व्यक्ति खुद की लाइफ को जीना भूल जाता है। वह दोस्तों से लेकर परिवार तक के साथ हैंगआउट करना बंद सा कर देता है। प्यार के लिए वह करियर तक से समझौता करने लगता है। खुद को इस तरह भूल जाना, अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। अपनी लाइफ में सभी चीजों को बराबर वैल्यू देते हुए उन्हें मैनेज करने की कोशिश करें। अगर साथी किसी एक चीज पर जोर डाले, तो दबाव में आने की जगह अपनी प्रायॉर्टी उसके सामने रखें। अगर वह आपसे सच में प्यार करता होगा, तो वह इस बात को समझेगा, नहीं तो आपके लिए उससे दूर होना बेहतर है।


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