50% या इससे कम आबादी संक्रमित होने पर भी आ सकती है हर्ड इम्युनिटी, यह क्षमता टीकाकरण या संक्रमण से ठीक होने के बाद भी आ सकती है

कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीन के साथ-साथ वैज्ञानिक हर्ड इम्युनिटी को भी कारगर बताते रहे हैं। हर्ड इम्युनिटी का मतलब है कि वायरस को ऐसे इंसान मिलने बंद हो जाएं, जिन्हें संक्रमित कर वह लगातार फैलता रहे। वैज्ञानिकों का अनुमान रहा है कि 70% तक आबादी में वायरस की प्रतिरोधी क्षमता पैदा होने के बाद ही किसी क्षेत्र में हर्ड इम्युनिटी विकसित होगी।

यह क्षमता टीकाकरण या संक्रमण से ठीक होने के बाद भी आ सकती है। हर्ड इम्युनिटी इस आधार पर देखी जाती है कि कोई एक संक्रमित व्यक्ति कितने और लोगों तक वायरस फैला रहा है। हालांकि, कुछ शोधकर्ता नई उम्मीद जगाने वाली संभावनाएं खंगाल रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ इंटरव्यू में 12 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी की सीमा 50% या इससे भी कम हो सकती है।

वैज्ञानिक और गणितज्ञ जटिल सांख्यिकीय मॉडलिंग के आधार पर ये अनुमान लगा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार न्यूयॉर्क, लंदन और मुंबई के कुछ हिस्सों में वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी पैदा हो चुकी है। हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ बिल हनैग कहते हैं- न्यूयॉर्क और लंदन के कुछ पॉकेट्स में मजबूत इम्युनिटी है।

43% लोगों के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी आ सकती है

वहीं, स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी में गणितज्ञ टॉम ब्रिटन कहते हैं कि 43% लोगों के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी आ सकती है। यानी किसी आबादी में इतने लोग संक्रमित या रिकवर होने के बाद वायरस अनियंत्रित तरीके से नहीं फैलेगा।

न्यूयॉर्क के एक हॉस्पिटल में 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले

हालांकि, हर्ड इम्युनिटी की यह एक बड़ी कीमत है। 43% लोग संक्रमित होने का मतलब यह है कि बहुत से लोग बीमार पड़ेंगे। मौतें भी होंगी। न्यूयॉर्क के कुछ क्लीनिक में पहुंचे 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले। लेकिन, कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विशेषज्ञ वान यांग कहते हैं कि क्लीनिक में आने वाले सिम्प्टोमेटिक होते हैं।

वहीं, क्वीन्स में कोरोना क्लीनिक में जाने वाले 68% और ब्रुकलिन के कॉबल हिल सेक्शन में 13% लोगों में एंटीबॉडी मिले। वहीं, मुंबई में गरीब इलाकों में 51 से 58% जबकि बाकी शहर में 11 से 17% लोगों में एंटीबॉडी मिलीं। मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. जयंती शास्त्री कहती हैं कि गरीब इलाकों में लोग भीड़-भाड़ में रहते हैं। शौचालय साझा होते हैं और मास्क भी उपलब्ध नहीं होते। ये सभी कारक मिलकर चुपचाप संक्रमण फैलाते रहते हैं।

स्पेन और बेल्जियम जैसे देशों में 10-20% हर्ड इम्युनिटी

शोधकर्ता अभी यह दावा करने से बच रहे हैं कि न्यूयॉर्क के सबसे संक्रमित इलाकों में शामिल ब्रुकलिन या भारत के मुंबई में किसी इलाके में हर्ड इम्युनिटी आई है या नहीं, या यहां आगे भी वायरस फैलने की संभावना है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रेथक्लाइड के गणितज्ञ गैब्रिला गोम्स ने पाया कि बेल्जियम, इंग्लैंड, पुर्तगाल और स्पेन में 10 से 20% की रेंज में ही हर्ड इम्युनिटी आ गई थी।

हालांकि, अन्य विशेषज्ञ चेताते हैं कि इन मॉडल्स में कुछ कमियां हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ जैफरी शमन कहते हैं कि अगर हम इस तरह के मॉडल्स पर विश्वास करेंगे तो यह आग से खेलने जैसा होगा।

ये भी पढ़ें...

वायरस के संक्रमण पर चौंकाने वाली रिसर्च:सिर्फ मुंह से निकलने वाले ड्रापलेट्स से नहीं, धूल के कणों से भी फैल सकता है वायरस



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
न्यूयॉर्क के कुछ क्लीनिक में पहुंचे 80% लोगों में एंटीबॉडी मिले। (फाइल फोटो)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2FJa3s1

Post a Comment

0 Comments

Featured post

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: अक्षरा-अभिमन्यु की शादी के बाद बढ़ीं मुश्किलें, शो में आया बड़ा ट्विस्ट