न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में पिछले साल 15 मार्च को दो मस्जिदों पर फायरिंग करने वाले ऑस्ट्रेलियाई को उम्रकैद सुनाई गई। उसे पैरोल भी नहीं मिलेगा। मस्जिदों में घुसकर की गई फायरिंग में 51 लोग मारे गए थे। 40 घायल हुए थे। हमलावर ने इस कत्लेआम की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग की थी।
सजा सुनाते वक्त जज ने दोषी से कहा- तुम हमारे देश में सिर्फ कत्लेआम के मदसद से आए थे। इस देश को इंसानियत के लिए जाना जाता है।
पैरोल भी नहीं मिलेगा
ब्रेंटन को कुल 82 मामलों में सुनाई गई। हर कत्ल और हर इसके प्रयास के लिए सजा सुनाई गई। न्यूजीलैंड के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आरोपी को बिना पैरोल के उम्रकैद सुनाई गई। भारतीय समय के अनुसार, गुरुवार सुबह सजा का ऐलान किया गया। इस दौरान पीड़ित परिवार मौजूद रहे। इस मामले की सुनवाई एक साल में पूरी हुई थी। मार्च में ब्रेंटन को दोषी पाया गया था। 27 अगस्त को सजा सुनाई गई।
जज ने क्या कहा
ब्रेंटन की सजा का ऐलान क्राइस्टचर्च हाईकोर्ट के जज कैमरून मेंडर ने किया। कहा- यह जघन्य अपराध है। यह हैरान करने वाली बात है कि किसी व्यक्ति के अंदर इतनी नफरत भी हो सकती है। उसे अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है। 29 साल का ब्रेंटन हत्यारा ही कहा जाएगा। जज ने ब्रेंटन से कहा- तुम हमारे देश में सिर्फ कत्लेआम मचाने आए थे।
क्या हुआ था पिछले साल 15 मार्च को
ब्रेंटन ऑटोमैटिक रायफल और मैग्जीन के साथ क्राइस्टचर्च की एक मस्जिद पहुंचा। अंदर घुसा और फायरिंग शुरू कर दी। 40 लोगों की मौत हुई। इसके बाद कुछ दूरी पर दूसरी मस्जिद में फायरिंग की। यहां 11 लोग मारे गए। ब्रेंटन 2017 में ऑस्ट्रेलिया से न्यूजीलैंड शिफ्ट हुआ था। यहां आकर किराए का मकान लिया। हथियार जुटाए। घटना की फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग भी की। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इस घटना को न्यूजीलैंड के इतिहास का सबसे काला दिन करार दिया था।
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