गोल रोटी और गोरा रंग, आज भी इन कसौटियों पर तौली जाती है बहू

आज के जमाने की महिलाएं ज्यादा आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। शादी की बात में भी अब लड़कों के बराबर ही लड़की की इच्छा को भी मान मिलने लगा है। सास और बहुओं की ट्यूनिंग में भी काफी अंतर देखने को मिलता है। उनके बीच घर संभालने से लेकर करियर तक की बातों को लेकर बेहतर आपसी समझ देखने को मिलती है। हालांकि, यह भी मानना होगा कि ये बदलाव सभी में नहीं आए हैं, जिस वजह से आज भी कई परिवार अपनी बहुओं को ऐसी कसौटियों पर तोलते हैं, जिन्हें सुनकर लगता है कि वह मनुष्य नहीं बल्कि किसी वस्तु का मोल लगा रहे हों। गोरा रंग 'फेयर ऐंड लवली' के नाम से भले ही फेयर हटा लिया गया हो, लेकिन लोगों की सोच में से इस शब्द को हटाना मुश्किल है। आज भी अगर आप मैट्रीमोनियल साइट्स या अखबार के पेजेज को देखेंगे, तो उनमें ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा होती है, जो गोरे रगं की बहू या पत्नी चाहते हैं। डस्की या डार्क स्किन वाली लड़कियों को आज भी कई बार रिश्ते में रिजेक्ट होने का दर्द झेलना पड़ता है। कई बार यह भी देखा जाता है कि ऐसी लड़की को लेकर सास-ससुर भले ही खुश रखें, लेकिन ससुराल के अन्य रिश्तेदार या जानने वाले उसके रंग को जरूर पॉइंट आउट करते हैं। इस वजह से कॉन्फिडेंट से कॉन्फिडेंट लड़की भी खुद को लेकर असहज महसूस करने लगती है और इस नेगेटिविटी का असर उसके खुद के वैवाहिक जीवन पर भी पड़ने लगता है। कुकिंग यह बात मानने वाली है कि कुकिंग सभी को आना चाहिए, लेकिन आज भी ज्यादातर भारतीय लोग इसे महिलाओं का ही काम मानते हैं। खुद महिलाएं जब अपने बेटे के लिए बहू पसंद करने जाती हैं, तो वे यह जरूर पूछती हैं कि 'लड़की को खाना बनाना आता है या नहीं?' भले ही उनके लड़के को यह काम न आता हो, लेकिन होने वाली बहू को तौलने का यह बहुत बड़ा पैमाना होता है। अगर लड़की कुकिंग न जानती हो, तो उसके नंबर अपने आप घट जाते हैं और उसे रिश्ते के रिजेक्ट होने तक की स्थिति का सामना करना पड़ जाता है। शरीर सिर्फ गोरा रंग ही नहीं बल्कि लड़की ज्यादा पतली या मोटी हो, तो उसे भी रिजेक्शन झेलना पड़ जाता है। लड़के की भले ही तोंद निकली हो, लेकिन बहू ऐसी ही चाहिए होती है, जो गोरी और दुबली-पतली हो। इस डिमांड को भी अक्सर मैट्रीमोनियल पेजेज़ पर देखा जाता है। अगर लड़की की शादी हो भी जाए, तो इसकी कोई गैरंटी नहीं होती कि उसे ससुराल में इसे लेकर ताने ना सुनने पड़ें। माता-पिता और संपत्ति शादी से पहले लड़की या लड़के के बैकग्राउंड के बारे में पता लगाना लाजमी सा है और भविष्य में किसी मुसीबत से बचने के लिए ऐसा किया भी जाना चाहिए। हालांकि, ये बात कम ही लोग जानते हैं कि जिन लड़कियों के माता-पिता नहीं होते, उन्हें भी रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, क्योंकि लड़के के परिवार को लगता है कि शादी के बाद उनके बेटे की आवभगत कौन करेगा? इतना ही नहीं अगर लड़की की फैमिली आर्थिक रूप से संपन्न न हो, तब भी उसे रिश्ता मिलना मुश्किल हो जाता है। फिर भले ही लड़की खुद कितना ही कमाती हो।


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