भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक के इतिहास में अब तक 8 गोल्ड जीते हैं। टीम ने पिछला स्वर्ण 1980 मॉस्को ओलिंपिक में जीता था। तब भारतीय टीम के कप्तान वासुदेवन भास्करन थे। टोक्यो ओलिंपिक को लेकर उन्होंने कहा कि बेहतर नतीजों के लिए खिलाड़ी यदि 100% नहीं दे सकते, तो उन्हें कम से कम 80% तो देना ही होगा।
भास्करन ने कहा, ‘‘मैच में अपनी उम्मीद के मुताबिक नतीजों के लिए खिलाड़ियों को 100% योगदान देना चाहिए। यदि ऐसा मुमकिन नहीं हो रहा तो कम से कम 80% तो देना ही होगा। हालांकि, मौजूदा भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमें शानदार हैं। अगले ओलिंपिक में गोल्ड जीतने की पूरी उम्मीद है।’’
प्लेयर्स खेल पर फोकस करें, मैच के परिणाम पर नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘ओलिंपिक में सभी टीमें जीतने के लिए ही आती हैं और अपना 100% योगदान देती हैं। आप 4-5 खिलाड़ी 80% योगदान देने वाले और बाकी 60% देने वाले प्लेयर टीम में रखकर मेडल नहीं जीत सकते। टीम में शामिल हर एक खिलाड़ी को बेहतर प्रदर्शन करना होगा। टीम इंडिया के चीफ कोच ग्राहम रीड कई बार इस तरह की बात कह चुके हैं। मैं अपनी टीम से यही कहना चाहता हूं कि वे मैच के परिणाम के बारे में ज्यादा न सोचे, सिर्फ खेल पर फोकस करें। ’’
ओलिंपिक की तैयारियों के लिए हॉकी प्रो लीग ठीक है
भास्करन ने कहा, ‘‘हॉकी प्रो लीग में टॉप की टीमों के साथ खेलना ओलिंपिक की तैयारियों के लिए अच्छा है। हॉकी प्रो लीग के मुकाबले और ओलिंपिक दोनों अलग हैं। सभी खिलाड़ियों को एक के बाद एक मैच में औसतन 200 मिनट तक खेलना होता है।’’ इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक कोरोना के कारण एक साल के लिए टल चुके हैं। यह गेम्स अब 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 तक होंगे।
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