पिछले साल आज ही के दिन लॉर्ड्स के मैदान पर मेजबान इंग्लैंड पहली बार वनडे का वर्ल्ड चैम्पियन बना था। इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के बीच हुआ फाइनल मुकाबला और सुपर ओवर दोनों टाई रहे थे। वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। इसके बाद विजेता का फैसला बाउंड्री काउंट नियम के आधार पर हुआ।
इस मामले में इंग्लैंड-न्यूजीलैंड पर भारी पड़ा, क्योंकि उसने मैच में 22 चौके और 2 छक्के लगाए थे, जबकि कीवी टीम ने अपनी पारी में 2 छक्के और 14 चौके लगाए थे।
इंग्लैंड के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के 3 महीने बाद बाउंड्री काउंट रूल बदला
इसके बाद आईसीसी के इस रूल की काफी आलोचना हुई और तीन महीने बाद ही इस नियम को हटा दिया गया। यह तय हुआ कि अगर आईसीसी टूर्नामेंट में फाइनल और सेमीफाइनल मैच टाई होता है, तो सुपर ओवर तब तक जारी रहेगा, जब तक एक टीम दूसरी टीम से ज्यादा रन न बना ले। ये नियम वनडे और टी-20 दोनों में लागू होगा। वहीं, टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज में अगर सुपर ओवर टाई रहता है, तो मैच टाई ही रहेगा।
क्या हुआ था फाइनल मुकाबले में
पिछले साल 14 जुलाई को हुई वर्ल्ड कप फाइनल में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की। कीवी टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 241 रन बनाए। इंग्लैंड को वर्ल्ड चैम्पियन बनने के लिए 242 रन का टारगेट मिला था, लेकिन मेजबान टीम भी निर्धारित 50 ओवरों में 241 रन ही बना सकी और मैच टाई हो गया।
नियमों के तहत नॉकआउट स्टेज का मुकाबला टाई होने पर फैसला सुपर ओवर से होना था। वनडे में पहली बार सुपर ओवरलाया गया और पहली बार वर्ल्डकप में इसका इस्तेमाल हुआ।
सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने15-15 रन बनाए
दोनों टीमें सुपर ओवर में भी 15-15 रन ही बना सकीं और मैच टाई हो गया और विजेता का फैसला एक बार फिर नहीं हो पाया। इसके बाद आईसीसी का बाउंड्री काउंट नियम इस्तेमाल में आया। इसके तहत मैच और सुपर ओवर टाई होने पर विजेता का फैसला बाउंड्री के आधार पर होना था। इस मामले में इंग्लैंड ने बाजी मारी और पहली बार वर्ल्ड चैम्पियन बना। पूरे मैच में न्यूजीलैंड ने कुल 16, जबकि इंग्लैंड ने 24 बाउंड्री लगाई थी।
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