संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुआई में चीन ज्यादा दबदबा और धौंस दिखाने लगा है। उसने दूसरे देशों पर उंगलियां उठानी शुरू कर दी है। जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद यूएन में भी चीन का रुख आक्रामक हुआ। अब वह लीडरशिप रोल हासिल करने की कोशिशों में जुट गया। उसने इसके लिए सब से बात भी शुरू कर दी। हालांकि, उसका यह बर्ताव ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है। हेली ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में यह बातें कही।
हेली ने कहा, ‘यूएन में मेरे काम करने के समय के दौरान चीन काफी शांत रहा। इसने एक रणनीति के तहत काम किया। इसने चुपचाप कई क्षेत्रों में अच्छी जगह बनाने के लिए काम किया और पिछले दरवाजे से अहम क्षेत्रों में जगह बनाने की पूरी कोशिश की।’
‘ताइवान और भारत पर भी दबाव बना सकता है चीन ’
उन्होंने कहा कि कोई भी देश जो अपने लोगों को आजादी से नहीं जीने देता, ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं कर सकता। एक ऐसा समय आएगा जब लोग विद्रोह शुरू कर देंगे, जैसा कि अभी हॉन्गकॉन्ग में हो रहा है। चीन उसे दबाने की कोशिश कर रहा है। चीन ऐसा ही दबाव ताइवान, दक्षिण चीन सागर से सटे देशों और भारत पर भी बना सकता है। चीन यह सब कुछ अपने आप को ताकतवर दिखाने के लिए कर रहा है। निक्की ने कहा कि चीन सड़क बनाने की अपनी पहल के तहत छोटे देशों के साथ साझेदारी कर रहा है। वह इन देशों की ढांचागत सुविधाओं को खरीदने की कोशिश में हैं।
चीन को अमेरिकी सेना की तैयारी बताने की जरूरत: हेली
उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन को यह बताने की जरूरत है कि हमारी सेना पूरी तरह तैयार है, लिहाजा वो हमसे उलझने की कोशिश न करे। अमेरिकी कंपनियों को भी यह समझना होगा कि चीन में बिजनेस करने पर उन्हें वहां की मिलिट्री के साथ काम करना होगा। यह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। हमें अमेरिका पर इसके बारे में ज्यादा चर्चा करनी होगी। उन्होंने ह्यूस्टन में चीन के कॉन्स्युलेट को बंद कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले की भी तारीफ की।
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