बोर्ड के खर्चे कम नहीं हुए, ऐसे में आईपीएल का होना जरूरी क्योंकि इससे 4 हजार करोड़ रु. का रेवेन्यू जुड़ा

आईसीसी ने सदस्य देशों से चर्चा के बाद टी-20 वर्ल्ड कप को स्थगित कर दिया। यह निर्णय आसान नहीं था। इस तरह से आईपीएल के आयोजन का रास्ता साफ हो गया। कोविड-19 के बढ़ते केस के कारण देश में टूर्नामेंट का आयोजन कराना मुश्किल है। हालांकि, अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय को करना है।

यूएई को श्रीलंका और न्यूजीलैंड की जगह आयोजन के लिए चुना गया। इसके कई कारण हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच समय में बड़ा अंतर है। ऐसे में ब्रॉडकास्टर को भारतीय दर्शकों के हिसाब से वहां मैच कराना मुश्किल होता।

यूएई में इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी अच्छी

यूएई में अच्छी इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी के कारण उसे चुना गया। इस साल बीसीसीआई आईपीएल को कराने के लिए आक्रामक है। इसे आईसीसी के अधिकांश बोर्डों से समर्थन है, क्योंकि आईपीएल के लगभग 4 हजार करोड़ के रेवेन्यू में से उन्हें भी कुछ ना कुछ मिलेगा। बीसीसीआई को सबसे बड़ा फायदा होगा। क्योंकि पिछले 5-6 महीने में उसे कोई आमदनी नहीं हुई है। जबकि खर्चे पहले की तरह बने हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक लागत कम करने के लिए ही महिला टीम के इंग्लैंड दौरे को अनुमति नहीं दी गई।

बोर्ड को डेक्कन चार्जर्स को 4800 करोड़ रुपए देने

बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय का भी बोर्ड पर असर पड़ेगा। डेक्कन चार्जर्स को गलत तरीके आईपीएल से हटाने के कारण उसे लगभग 4800 करोड़ रुपए देने हैं। बोर्ड की बैलेंस सीट अभी भी मजबूत है, लेकिन यदि हम आईसीसी और सरकार के बीच लगभग 1300 करोड़ रुपए के टैक्स मामले को देखें तो यह कमजोर दिखाई देने लगता है।



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आईपीएल 19 सितंबर से यूएई में शुरू होगा और इसका फाइनल आठ नवंबर को खेला जाएगा। -फाइल


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