अमेरिका के मिनेसोटा में अश्वेत जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद शुरू हुए प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचा है। सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि अमेरिका की पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि फ्लायड की मौत से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा में स्प्रे पेंट कर दिया।
वहीं, जॉर्ज फ्लायड की शव का परीक्षण करने के बाद पता चला है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित था। जांच में पता चला है कि वह 3 अप्रैल को हुए टेस्ट वह कोरोना पॉजिटिव निकला था। मौत के समय भी वह कोरोना से संक्रमित था। जॉर्ज एसिम्टोमैटिक मरीज था। मतलब उसमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखते थे।
भारत में अमेरिका के राजदूत ने कहा- माफी स्वीकार करें
भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने कहा कि वाशिंगटन में गांधी जी की प्रतिमा को नुकसान हुआ है। यह खबर सुनकर बहुत दुख पहुंचा है। उन्होंने भारत से कहा कि कृपया हमारी माफी स्वीकार करें।
मैटिस ने कहा ट्रम्प ने हमें बांटने की कोशिश की
अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने ट्रम्प पर समाज में विभाजन को बढ़ाने और अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को ट्रम्प ने जिस तरह हैंडल किया है, वह उससे गुस्सा और डरे हुए हैं। जेम्स मैटिस ने 2018 में रक्षा मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। वह सीरिया से सैनिकों की वापसी की ट्रम्प की घोषणा से नाराज थे।
इस्तीफा देने के बाद से मैटिस हमेशा शांत ही रहे हैं। यह पहली बार है जब अटलांटिका मैग्जीन में उनका लेख आया, जिसमें उन्होंने ट्रम्प प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। मैटिस ने लिखा, ‘‘डोनाल्ड ट्रम्प मेरे जीवनकाल के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अमेरिकियों को एकजुट करने की कोशिश नहीं की, यहां तक कि इसका दिखावा तक नहीं किया। इसके बावजूद उन्होंने हमें बांटने की कोशिश की।’’
मैटिस की बयान पर ट्रम्प ने जवाब देते हुए उन्हें ‘अहंकारी जनरल’ जैसा बताया और कहा कि उन्हें खुशी है कि मैटिस ने रक्षा मंत्रालय छोड़ दिया।
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