नई दिल्ली। की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में इंटरनेट सर्विसेज देने के लिए तैयार है। टेस्ला बैक्ड कंपनी भारत में यूजर्स को ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए भारत में एक कमर्शियल लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती है। यह घोषणा उस चेतावनी के कुछ दिन बाद की गई जिसमें दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्टारलिंक को देश में सैटेलाइट बेस्ट इंटरनेट सर्विस की पेशकश करने के लिए आवश्यक अनुमति के लिए दी गई थी। भारत में इंटरनेट सर्विसेज को शुरू करने की अपनी योजनाओं के बारे में बात करते हुए, स्टारलिंक कंट्री डायरेक्टर, संजय भार्गव ने एक लिंक्डइन पोस्ट में कहा, "हमें उम्मीद है कि 31 जनवरी 2022 को या उससे पहले एक कमर्शियल लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। हमे लगता है कि दो गाइड तैयार करना उपयोगी रहेगा जो स्टारलिंक के बारे में सोचने और योजना बनाने में मदद कर सकते हैं। इन दो गाइड्स में से एक निजी क्षेत्र के लिए और एक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए रहेगा। कंपनी ऐसा करने के लिए लाइसेंस प्राप्त किए बिना भारत में सर्विसेज प्रदान नहीं कर सकती है। DoT के आदेश के बाद ने अपना प्री-बुकिंग पोर्टल बंद कर दिया था जो पहले उपलब्ध था। स्टारलिंक का उद्देश्य दिसंबर 2022 तक भारत में 2,00,000 डिवाइस इंस्टॉल करना है। इनमें से, स्टारलिंक ग्रामीण क्षेत्रों में 80 फीसद डिवाइस इंस्टॉल कर सकती है। भार्गव ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में कहा है कि भारत को 100 फीसद ब्रॉडबैंड कनेक्शन प्रदान करने के लिए स्टेकहोल्डर्स, सर्विस प्रोवाइडर्स और टेक्नोलॉजीज के बीच सहयोग की आवश्यकता है। इससे पहले, भार्गव ने घोषणा की थी कि SpaceX की अब भारत में 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, और यह लाइसेंस के लिए आवेदन करना शुरू कर सकती है। भारत में बैंक अकाउंट भी ओपन कर सकती है। उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि कंपनी को भारत में पहले ही 5,000 प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं। देखा जाए तो यह कंपनी दूसरी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकती है। लेकिन इन सब को अभी प्रोसेस नहीं किया जा सकता है क्योंकि कंपनी ने भारत में संचालन करने के लिए भारत सरकार से लाइसेंस नहीं मांगा है। Starlink ने ग्राहकों से प्रायोरिटी लिस्ट का हिस्सा बनने के लिए $99 यानी करीब 7,350 जमा राशि का शुल्क लिया था। अगर सर्विसेज एक्टिव होती हैं तो यह राशि मासिक शुल्क में एडजस्ट कर ली जाएगी। भार्गव ने शेयर किया था कि स्टारलिंक उन ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों के साथ काम करेगा जो 100 प्रतिशत ब्रॉडबैंड चाहते हैं। कंपनी की योजना टेरेस्ट्रियल ब्रॉडबैंड द्वारा सर्विसेज प्रदान करने की है। लेकिन जिन क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल है, उन्हें स्टारलिंक जैसे सैटकॉम प्रदाताओं द्वारा कंट्रोल किया जाएगा।
from Tech News in Hindi: Get Latest Gadgets & Tech News in Hindi - टेक न्यूज़, लेटेस्ट गैजेट्स न्यूज़, टेक्नोलॉजी न्यूज़ https://ift.tt/3DjjKFn
0 Comments