नई दिल्ली। फेसबुक अब अपने कॉन्ट्रोवर्शियल फीचर फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहा है, जिससे यूज़र्स की तस्वीरें और वीडियोज अब खुद डिटेक्ट नहीं हो पाएंगी| फेसबुक ने कहा है कि वह यूज़र्स की पहचान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फेशियल रिकग्निशन टेम्प्लेट को पूरी तरह से हटा देगा। फेशियल रिकग्निशन सिस्टम का फीचर फेसबुक 10 साल पहले लाया था। सोशल मीडिया दिग्गज का अपने मूल नाम को मेटा में बदलने के बाद से पहला बड़ा कदम है। गौरतलब है कि लांच होने के बाद से ही ये फीचर लगातार आलोचना का शिकार बनता रहा है। अलग-अलग समाजों और सरकारों ने इस फीचर से यूज़र्स की गोपनीयता एवं सुरक्षा सम्बंधित खामियों को लेकर इसकी खिलाफत की है। मेटा के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष जेरोम पेसेंटी ने कहा, "हर नई तकनीक अपने साथ फायदे और नुक्सान लेकर आती है और हम सही संतुलन ढूंढ़ना चाहते हैं। फेशियल रिकॉग्नाइजेशन के मामले में, समाज में इसके होने वाले प्रभावों पर बहस करने की जरूरत है। इससे प्रभावित हुए लोगों, सिविल सोसाइटी ग्रुप्स और रेगुलेटर्स के साथ हम चर्चा करते रहने को तैयार हैं। उन्होंने दोहराया कि कंपनी के लिए फेशियल रिकॉग्नाइजेशन का फीचर एक बहुत महत्वपूर्ण टूल है मगर हम इसके दुष्प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहते। आइए जानते हैं फेशियल रिकॉग्नाइजेशन फीचर है क्या? इससे होने वाले फायदे और नुक्सान और इसके बंद होने से क्या फ़र्क़ आएगा। क्या है फेशियल रिकॉग्नाइजेशन फीचर : फेशियल रिकॉग्नाइजेशन फीचर से फेसबुक अपने यूज़र द्वारा पोस्ट की गई पिक्चर्स, वीडियोज में दिखाई देने वाले लोगों की पहचान करके तुरंत उन लोगों को खुद को उन पिक्चर्स और वीडियो में टैग करने का ऑप्शन देता है| मगर इस फीचर के कई दुष्प्रभाव भी हैं| इस फीचर के गलत इस्तेमाल को लेकर समय समय पर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों चिंता जताई है| फेसबुक अब भी फेशियल रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम को अपना बहुत अहम् फीचर मानता है मगर साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट द्वारा उठाये गए लेकर भी गंभीर है और इसलिए 10 साल बाद आख़िरकार इस फीचर को बंद कर रहा है। क्या होगा फेशियल रिकॉग्नाइजेशन फीचर के बंद होने से : आने वाले हफ्तों में फेसबुक इस फीचर से चलने वाले सभी फीचर्स और सर्विसेज को हटा देगा| इसके बाद मेमोरीज, फोटोज और वीडियोस में दिखने वाले लोगों को फेसबुक खुद ट्रेस नहीं कर पायेगा और यूज़र्स को पिक्चर या वीडियो में दिख रहे लोगों को टैग करने के लिए सजेस्ट नहीं कर पायेगा। अब यूज़र्स को मैन्युअली लोगों को टैग करना होगा। फेसबुक के फेस स्कैन सिस्टम बंद होने से अब एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत फेशियल रिकग्निशन टेम्प्लेट भी हटा दिए जायेंगे। फेसबुक से फेशियल रिकग्निशन सिस्टम के बंद हो जाने से Automatic Alt Text (AAT) पर काफी असर पड़ेगा। Automatic Alt Text (AAT) वो तकनीक है जिसका इस्तेमाल फेसबुक नेत्रहीन या दृष्टिबाधित लोगों के लिए इमेज डिस्क्रिप्शन बनाने के लिए करता है। हालाँकि, अब भी AAT तकनीक यह जान सकेगी कि एक पिक्चर में कितने लोग हैं, मगर इससे ये नहीं पता लगा पाएगी कि कौन-कौन फेशियल रिकॉग्नाइजेशन का इस्तेमाल कर रहा है। फेशियल रिकग्निशन सिस्टम को बंद करने पर सुरक्षा विशेषज्ञों और आम लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। इस फीचर के फायदे और नुक्सान को लेकर जिस तरह से लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया रही है बिलकुल वैसी ही मिली जुली प्रतिक्रियाएं लोगों में इस फीचर के बंद होने को लेकर आ रही हैं।
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