Apple की एक गलती और हो गई FIR दर्ज, वो भी चार्जर की वजह से...जानें पूरा माजरा

नई दिल्ली। चीन में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने लिए टेक दिग्गज एप्पल पर मुकदमा दायर किया है, वो भी चार्जर की वजह से। दरअसल, चीन में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के ग्रुप ने iPhone12 प्रो मैक्स के साथ चार्जर न देने को लेकर कंपनी पर मुकदमा कर दिया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स से ये जानकारी मिली है। इन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी स्टूडेंट्स ने ये दावा किया कि इसमें शामिल यूएसबी-सी से लाइटनिंग केबल पर जाने से iPhone 12 Pro अन्य चार्जर को सपोर्ट नहीं करता है। इसको लेकर जैसा विज्ञापन में दावा किया गया है, ये वैसा नहीं है। जिस कारण स्टूडेंट्स फोन को चार्ज नहीं कर पा रहे हैं। इसी के चलते स्टूडेंट्स ने ऐप्पल पर केस दर्ज कर दिया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि यूएसबी-सी से लाइटनिंग केबल दूसरे चार्जर के साथ कॉम्पैटिबल नहीं था। स्टूडेंट्स ने ये तर्क भी किया है कि कंपनी इसका इस्तेमाल सिर्फ मैगसेफ वायरलेस चार्जर को बढ़ावा देने के बहाने के रूप में कर रही थी। ऐसा कहा जा रहा है कि ये अपने वायर्ड काउंटरपार्ट्स की तुलना में ज्यादा एनर्जी लॉस/बर्बाद करते हैं। ऐसे में ये स्टूडेंट्स ने मांग की है कि आईफोन चार्जर की भी सप्लाई करने शुरू करें। साथ ही, लीगल फीस और कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन के लिए 100 युआन यानी की 16 डॉलर का भुगतान भी करें। Apple ने यह बताया है कि किसी भी फोन ब्रांड के लिए पावर एडप्टर को अलग से बचेना एक आम बात है। ऐसा कंपनी ने बीजिंग वर्चुअल कोर्ट को बताया है। कंपनी की बात को सुनकर सरकार ने कंपनियों की इस प्रैक्टिस को मंजूरी दे दी है। हालांकि, कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि कई चीनी कंपनियां बॉक्स में एडेप्टर को देना पसंद करती हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह मामला अब भी कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में इस बात की गारंटी नहीं ली जा सकती है कि स्टूडेंट्स को इससे कोई मुआवजा दिया जाएगा या नहीं। फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। साथ ही यह भी कहना मुश्किल है कि कंपनी अपनी नो-चार्ज पॉलिसी में किसी तरह का कोई बदलाव करेगी या नहीं। अगर इस मसले को लेकर कोई बदलाव आता भी है तो सिर्फ इतना होगा कि कंपनी चार्जर को चेकआउट करने का विकल्प उपलब्ध कराएगी। जैसा कि हम जानते हैं कि Apple ने कुछ ही समय पहले आईओएस 14 अपडेट जारी किया था। इसमें यूजर्स को अपने फोन पर ज्यादा कंट्रोल दिया गया है। अगर बात खरीदारी की हो तो भारत में Apple यूजर्स के बीच ऑनलाइन ऐप्स पर पेमेंट करने वाले यूजर्स की हिस्सेदारी कुछ ज्यादा है। वर्ष 2021 Apple यूजर्स की हिस्सेदारी एंड्रॉइड यूजर्स की तुलना में ज्यादा थी। इस बात की जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई है। मोबाइल एट्रिब्यूशन और मार्केटिंग एनालिटिक्स प्रोवाइडर, ऐप्सफ्लायर की मानें तो यूजर्स को अपने डाटा की प्राइवेसी को लेकर काफी चिंता रहती है। ऐसे यूजर्स अब ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए Apple खरीदने को सुरक्षित समझते हैं क्योंकि iOS यूजर्स को अपने डिवाइस पर ज्यादा कंट्रोल उपलब्ध कराता है।


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