नई दिल्ली। अगर आप , DTH और अन्य दूसरी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं, तो ये आपके लिए जानना जरूरी हो जाता है कि आपकी ये सर्विसेज बंद भी हो सकती हैं। वजह है RBI के नए नियम। दरअसल, अगर आप अपनी इन सर्विसेज के बिलों के भुगतान और रिचार्ज करने के लिए ऑटो-पेमेंट मेथड्स (Auto-Payment Methods) का उपयोग करते हैं, तो इसके लिए अब आपको भारतीय रिजर्व बैंक के नए आदेशों को मानना जरूरी होगा। RBI के क्या है नए आदेश? RBI के नए आदेशों के मुताबिक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई या फिर किसी भी PPI यानी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स का इ्स्तेमाल करके किए गए किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए अब से AFA यानी एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत पड़ेगी। ये अनिवार्य होगा। एक अक्टूबर से लागू हो जाएंगे नए नियम: इन ऑटो पेमेंट के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने कई नियम भी पेश किए हैं। ये नियम एक अक्टूबर से लागू भी हो जाएंगे। इतना ही नहीं, इन नियमों को लेकर कई बैंकों ने अपने यूजर्स को नोटिफाई करना भी शुरू कर दिया है। इसलिए अगर आप Netflix, DTH या फिर अन्य किसी भी ऐसी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए आरबीआई के नए नियमों के बारे में जानने और उसे समझना जरूरी हो जाता है। आइए समझते हैं क्या कहते हैं आरबीआई के नए नियम? ट्रांजेक्शन के लिए एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए आदेशों के मुताबिक, अब से किसी भी प्रीपेड पेमेंट के लिए किए गए ट्रांजेक्शन के लिए एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) अनिवार्य होगा। आरबीआई के ये नए नियम Netflix, Hotstar, Prime Videos, मोबाइल और DTH रिचार्ज जैसी सर्विसेज को प्रभावित कर सकते हैं। एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन को लेकर नए नियम क्या? 1- एक अक्टूबर से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बिना क्रेडिट और डेबिट कार्ड का कोई भी ट्रांजेक्शन प्रोसेस नहीं किया जाएगा। 2- इतना ही नहीं, बैंकों ने स्पष्ट कर दिया है कि मॉडिफिकेशन से लेकर रजिस्ट्रेशन और यहां तक की किसी सर्विस को डिलीट करने के लिए भी आपको AFA की जरूरत होगी। 3- यूजर्स को ऑटो पे डेबिट से 24 घंटे पहले प्री-डेबिट नोटिफिकेशन (SMS/Mail) मिलेगा। इसमें आपको एक लिंक दिया जाएगा, जिससे ट्रांजेक्शन/मैंडेट से ऑप्ट-आउट भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आप किसी भी स्थायी निर्देश को मॉडिफाई, कैंसल या फिर व्यू भी कर सकते हैं। इसके लिए आप कार्ड पर तय Maximum Limit Fixed भी कर सकते हैं। 4- अगर फिक्स मैक्सिमम अमाउन्ट से ऊपर का ट्रांजेक्शन करना पड़े तो इसके लिए प्री-डेबिट लिंक में AFA के लिए अलग लिंक होगा। बता दें कि हर बार 5,000 रुपये से ज्यादा के अमाउन्ट रिकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए AFA की जरूरत होगी। 5- ये जानना भी जरूरी है कि अगर यूजर के बैंक अकाउंट से पेमेंट के लिए स्थायी निर्देश रजिस्टर्ड हैं तो उनको किसी भी तरह के बदलाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन अगर ये ट्रांजेक्शन यूजर के डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड से होगा तो उन्हें एक अक्टूबर से आरबीआई के नए नियमों का पालन करना होगा। अन्यथा उनका ट्रांजेक्शन अस्वीकार कर दिया जाएगा।
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