WhatsApp में आया वायरस, फैल रहा खतरनाक ऐंड्रॉयड मैलवेयर, खुद को ऐसे करें सुरक्षित

नई दिल्ली को दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं। अब एक जानकारी में पता चला है कि एक खतरनाक मेसेज आपके फोन में Worm (वायरस) इंस्टॉल कर सकता है। इस वायरस के खतरनाक होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आपको मेसेज करने वाले दोस्त भी इसका शिकार बन सकते हैं। अगर आपके फोन में यह मैलवेयर आ गया तो जो लोग आपको मेसेज करेंगे, उनके फोन में यह अपने आप ऑटोमैटिक रिप्लाई के तौर पर चला जाएगा। मशहूर सिक्यॉरिटी रिसर्चर ने एक विडियो जारी कर यह जानकारी दी है। कैसे फैल रहा मैलवेयर? सिक्यॉरिटी फर्म ESET के Lukas Stefanko ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'अगर किसी इन्फेक्टेड फोन पर कोई वॉट्सऐप मेसेज नोटिफिकेशन आता है तो फोन से तुरंत एक लिंक रिप्लाई के तौर पर चला जाता है। यह लिंक एक फेक गूगल प्ले पेज का है जिसमें यूजर्स से एक मैलिशस ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है। एक यूजर को एक घंटे में एक बार लिंक जाता है। यह एक तरह का सब्सक्रिप्शन या ऐडवेयर स्कैम हो सकता है।' यह ऐप एक फेक हुवावे ऐप है जिसे इन्फेक्टेड डिवाइसेज पर विज्ञापन दिखाने और ऐप डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए पैसा कमाने के इरादे से डिजाइन किया गया है। लेकिन एक ट्विटर यूजर का कहना है कि इस तरह के स्कैम को दूसरे ऐप्स जैसे फेक नेटफ्लिक्स ऐप में भी देखा गया है। ESET ब्लॉग पोस्ट में Stefanko ने अपने एक साथी को बताया कि यह मैलवेयर कुछ और खतरनाक थ्रेट डिस्ट्रीब्यूट कर सकता है क्योंकि मेसेज टेक्स्ट और मैलिशस ऐप को अटैकर के सर्वस से भेजा गया है। यह मैलवेयर बैंकिंग टॉर्जन, रैनसमवेयर या स्पाईवेयर फैला सकता है। मैलवेयर से कैसे बचें? इस मैलेवयर से बचने के लिए जरूरी है कि कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके फोन से सिर्फ ऑफिशल गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप इंस्टॉल हो। इसके लिए अलग-अलग फोन में सेटिंग्स अलग होती हैं। लेकिन आमतौर पर आपको Settings > Apps > Special Access > Install Unknown Apps में जाना होता है। इसके बाद यह सुनिश्चित करें कि आपके फोन में किसी भी ऐप को खुद कोई और ऐप डाउनलोड करने की परमिशन ना हो। ऐंड्रॉयड 7 या इससे पुराने वर्जन पर चल रहे फोन्स के लिए Settings > Security में जाएं। और फिर सुनिश्चित करें कि Unknown Sources टॉगल ऑफ रहे। इसके अलावा आप ऐंड्रॉयड एंटीवायरस ऐप्स का इस्तेमाल कर भी इस तरह के मैलवेयर से बच सकते हैं। Tom's Guide को दिए बयान में वॉट्सऐप ने कहा, 'यह एक मैलिशस ऐप है जिसे लोगों को पहले डाउनलोड करवाया जाता है और फिर ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा दी गई परमिशन के जरिए यह फिशिंग मेसेज भेजता है। हम इसकी शिकार डोमेन प्रोवाइडर से कर रहे हैं ताकि इस फिशिंग सर्विस के खिलाफ ऐक्शन लिया जा सके और इससे बचा जा सके। हम लोगों से यह अपील करते हैं कि अनट्रस्टेड सोर्स से ऐप्स इंस्टॉल ना करें और कभी भी असामान्य या सस्पीशस लिंक पर क्लिक ना करें। इसके अलावा हमारा लोगों से कहना है कि इस तरह के मेसेज को जितना जल्दी हो सके रिपोर्ट करें ताकि हम जल्द से जल्द ऐक्शन ले सकें।'


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