आईपीएल सीजन-13 के पहले हाफ में किंग्स इलेवन पंजाब का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और टीम को सात मैचों में से 6 में हार झेलनी पड़ी। सेकंड हाफ में राहुल की सेना ने कमबैक किया और तीन बदलावों ने टीम को फ्रंटफुट पर ला दिया। टीम ने टेबल पर टॉप कर रही तीन टीम दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु व मुंबई इंडियंस को शिकस्त दी और प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदों को कायम रखा। टीम को अब हैदराबाद का मुकाबला करना है और किंग्स इलेवन पंजाब की टीम उन्हें हराकर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहेगी।
डेथ ओवरों का प्रदर्शन सुधारा...
किंग्स-11 के लिए डेथ बॉलिंग सबसे बड़ी परेशानी रही है और पहले तीन मैचों में उन्होंने अंतिम तीन ओवरों में 50 से ज्यादा रन लुटाए। केकेआर के साथ मैच में इसमें सुधार आया। क्रिस जॉर्डन ने पहले सेशन में 13 की इकॉनमी से बॉलिंग की जबकि सेकंड सेशन में उनकी इकॉनमी 11 तक आ गई। अर्शदीप ने भी अच्छी बॉलिंग की और टीम के प्रदर्शन को सुधारा। उन्होंने रन भी नहीं दिए और विकेट भी निकाले। मोहम्मद शमी ने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई और यॉर्कर डालकर सभी से तारीफ बटोरी।
मिडल ऑर्डर भी हुआ मजबूत...
किंग्स का टॉप ऑर्डर लगातार रन बना रहा रहा था, केएल राहुल और मयंक अग्रवाल के बल्ले से लगातार रन निकलते रहे। टीम का मिडल ऑर्डर चिंता का विषय शुरू से रहा और वहां से टीम के लिए रन नहीं निकले। हैदराबाद और कोलकाता के खिलाफ मैच में टीम का मिडल ऑर्डर फेल रहा। अब टीम का मिडल ऑर्डर मजबूत दिख रहा है जब निकोलस पूरन और ग्लेन मैक्सवेल फॉर्म में लौट आए हैं। दीपक हुड्डा ने भी टीम के लिए मिडल ऑर्डर में रन बनाए हैं। वे दो मैचों में नाबाद लौटे हैं।
टीम संतुलित दिखाई दे रही...
आईपीएल में वो टीम ज्यादा सफल मानी जाती है जो ज्यादा बदलाव नहीं करती। किंग्स ने फर्स्ट हाफ में काफी बदलाव किए लेकिन अब लग रहा है कि टीम को अपनी बेस्ट इलेवन मिल गई है। यही जीत का मंत्र है। पिछले तीन मैचों में टीम ने सिर्फ एक बदलाव किया है। जॉर्डन को चोट के कारण बाहर किया गया और पांच स्पेशलिस्ट बॉलर को टीम में शामिल किया गया। टीम का मकसद अब टॉप टीमों में जगह बनाना है और सेकंड हाफ के प्रदर्शन के आधार पर टीम ऐसा कर सकती है।
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