बिडेन ने भारतवंशी कमला देवी हैरिस को ही उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार क्यों बनाया; इसके दो मुख्य कारण ये हैं

कई दिनों से जिस बात की चर्चा हो रही थी, या कहें कयास लगाए जा रहे थे। वही हुआ। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट पार्टी भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला देवी हैरिस को उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। करीब 15 दिन पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन के हाथ में एक कागज नजर आया था। इसके फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस कागज पर पांच नाम लिखे थे। उसमें कमला का नाम सबसे ऊपर था। तभी से ये माना जाने लगा था कि कमला ही डेमोक्रेट्स के लिए उप राष्ट्रपति पद की पहली पसंद हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो सार्वजनिक तौर पर कमला का नाम प्रस्तावित किया था।
बहरहाल, कमला को इस पद का उम्मीदवार बनाकर डेमोक्रेट पार्टी दो संदेश देना चाहती है। आइए इन्हें जानते हैं।

1. एक तीर से दो निशाने
कमला को डेमोक्रेट पार्टी नस्लीय समानता का प्रतीक बताती रही है। इसके लिए भूमिका बनाने का काम पिछले साल विस्कोन्सिन में शुरू हुआ था। तब डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेशन्श में बिडेन ने कहा था- कमला जितनी भारतीय मूल की हैं, उतनी ही अफ्रीकी मूल की भी हैं। यह साबित करता है कि अमेरिका में नस्लीय भेदभाव नहीं होता। वो काबिल हैं और उन्हें अमेरिकी संस्कृति की जड़ों की जानकारी है।

मायने क्या?
आमतौर पर भारतीय मूल के लोग डेमोक्रेट्स के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि बराक ओबामा हों या जो बिडेन या फिर हिलेरी क्लिंटन। सभी ने भारतीयों को घरेलू राजनीति में तवज्जो दी। हाल ही में जब ट्रम्प ने एच-1बी वीजा पर सख्त प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया तो डेमोक्रेट्स ने आदेश में बदलाव की मांग की। ट्रम्प को झुकना पड़ा और आदेश लगभग वापस ले लिया गया। अब कमला को उप राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाकर डेमोक्रेट्स भारतीयों के साथ ही अफ्रीकी मूल के नागरिकों को भी यह संदेश देना चाहती है कि वो रिपब्लिकन पार्टी से बिल्कुल अलग सोच रखते हैं।
हाल ही में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अश्वेतों में रिपब्लिकन पार्टी का विरोध बढ़ा। डेमोक्रेट इसका फायदा उठाना चाहते हैं।

2. असहमति या जुदा राय को भी जगह
डेमोक्रेटिक पार्टी की ऑन रिकॉर्ड मीटिंग्स में कमला कई बार जो बिडेन की आलोचना कर चुकी हैं। कमला ने पिछले साल कहा था- जब आप खुद के बारे में सोचते हैं तो उसके पहले राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए। हमें ये तय करना होगा कि ट्रम्प का विरोध करते हुए हम विदेश नीति को लेकर बहुत नर्म रवैया अख्तियार न करें। अमेरिका को अव्वल बनाए रखने के लिए सख्त और नर्म नीतियों में तालमेल रखना जरूरी है। रोचक बात ये है कि कमला जो बिडेन के बेटे की अच्छी मित्र हैं, लेकिन जो से उनके रिश्ते नीतियों को लेकर बहुत अच्छे नहीं हैं।

मायने क्या?
जो बिडेन और डेमोक्रेट पार्टी यह मैसेज देना चाहती है कि वो पार्टी में अलग राय और विरोध को भी तवज्जो देती है। यानी अगर कमला जो बिडेन की कुछ नीतियों से इत्तफाक नहीं रखती हैं तो भी उनका सम्मान है। जो बिडेन और कमला के बीच हाल के दिनों में तल्खी कम हुई है। लेकिन, रिपब्लिकन पार्टी इसे मुद्दा बनाएगी। ट्रम्प कैम्पेन और प्रेसीडेंशियल डिबेट में यह बात जरूर कहेंगे कि डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में मतभेद हैं। और अगर डेमोक्रेट्स जीते तो इन मतभेदों का खामियाजा अमेरिका को उठाना पड़ेगा।

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31 जुलाई की यह फोटो मिशिगन में डेमोक्रेटिक के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और कमला हैरिस के बीच डिबेट के दौरान की है। हालांकि, इसके बाद हैरिस ने अपनी दावेदारी छोड़ दी थी।- फाइल फोटो


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