अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बयानबाजी तेज हो गई है। अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अगर बिडेन चुनाव जीते तो अमेरिकियों को चीनी की भाषा सीखनी पड़ेगी, क्योंकि तब चीन का अमेरिका पर राज होगा। ट्रम्प पहले भी कई बार बिडेन पर चीन के लिए नरम रुख अपनाने का आरोप लगा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि चीन तो चाहता है कि नींद में रहने वाले बिडेन ही राष्ट्रपति बनें। क्योंकि, इसके बाद वो हमारे देश पर हुकूमत चला सकेगा।
ट्रम्प ने मंगलवार को कई इंटरव्यू दिए। रेडियो होस्ट ह्यू हेविट से बातचीत में उन्होंने कहा, "अगर मैं नहीं चुनाव जीता तो चीन की अमेरिका में हुकूमत होगी। आप सच्चाई जानना चाहते हैं। आपको चीन की भाषा सीखनी पड़ेगी।"
हॉन्गकॉन्ग और उइगरों पर कुछ नहीं बोले
हालांकि, इस दौरान हॉन्गकॉन्ग और उइगरों के सवाल पर वह शांत रहे हैं। उनसे जब पूछा गया कि पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन ने कहा है कि आपने चीन में उइगरों के लिए कैंप बनाने पर सहमति जताई थी। इस पर ट्रम्प ने चीन की आलोचना करने के बजाय बोल्टन को ही घेरा। उन्होंने कहा कि बोल्टन एक बीमार आदमी हैं।
जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में लिखा है कि पिछले साल जी-20 समिट में ट्रम्प ने जिनपिंग से उइगरों के कैंप पर बात की थी। ट्रम्प ने इस पर अपनी सहमति भी जताई थी।
चीन से खतरा
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में चीन और रूस की तरफ से दखलंदाजी के आरोप लग रहे हैं। इससे पहले ट्रम्प ने कहा था- अगर आप से ये सोच रहे हैं कि चुनाव में चीन ही खतरा है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। लेकिन, मैं उनसे सिर्फ एक ही बात कहना चाहता हूं कि हम उनकी हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। मेल-इन बैलेट वोटिंग से खतरा ज्यादा है। इनके जरिए रूस, चीन, ईरान और यहां तक कि नॉर्थ कोरिया भी साजिश कर सकता है।
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