अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस में रिप्रेजेंटेटिव में पोस्टल सर्विस बिल शनिवार को पास हो गया। इसमें पोस्टल डिपार्टमेंट को मेल इन बैलट को जल्द लोगों तक पहुंचाने के लिए 25 बिलियन डॉलर ( करीब 18 लाख करोड़ रु.) की फंडिंग देने का प्रस्ताव रखा गया है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने इसके विरोध किया। इसके बावजूद हाउस के 435 सदस्यों में से 257 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और यह बहुमत से पारित हो गया।
हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि यह बिल लाना जरूरी था क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मेल इन बैलट से चुनाव कराने में अड़ंगा डालने की कोशिश कर रहे हैं। वे पोस्ट मास्टर जनरल लुईस डिजॉय के साथ मिलकर ऐसी कोशिश कर रहे हैं राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े मेल इन बैलट सही समय से लोगों तक नहीं पहुंचे।
अब सीनेट में होगी इस बिल पर वोटिंग
इस बिल पर अब सीनेट यानी कि अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन में वोटिंग होगी। यहां पर रिपब्लिकन सांसद बहुमत में हैं। यदि यह सिनेट में पारित हो भी जाता है तो इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के पास भेजा जाएगा। वहीं ट्रम्प ने कह दिया है कि स्पीकर पेलोसी की ओर से लाए गए इस विधेयक को कानून बनाने की मंजूरी नहीं देंगे। व्हाइट हाउस ने भी कहा है कि इस विधेयक पर ट्रम्प को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा सकता है। अमेरिका के संविधान के मुताबिक, बिना राष्ट्रपति के साइन किए किसी भी विधेयक को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।
पोस्टल सर्विस की फंडिंग में कटौती हो रही: डेमोक्रेट्स
विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प के करीबी माने जाने वाले पोस्टमास्टर जनरल लुइस डिजॉय ने पोस्टल सर्विस के काम करने के तरीके को बदल दिया है। वे ट्रम्प की शह पर विभाग को दी जा रही फंडिंग कम कर रहे हैं। उन्होंने डाक छांटने के लिए इस्तेमाल में लाने जाने वाली सैकंडों मशीनों को हटाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही वे और भी मशीनों को हटाने की योजना बना रहे हैं। पोस्टमास्टर जनरल ने भी शुक्रवार को माना था कि पहले की तुलना में पोस्ट देरी से पहुंच रहे हैं, लेकिन ऐसा कोरोना महामारी की वजह से हो रही है। हालांकि उन्होंने हटाई गई मशीनों को दोबारा लगाने से साफ इनकार कर दिया।
ट्रम्प पर पोस्टल फंडिंग रोकने के लिए केस भी हो चुका है
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार समेत कई लोगों ने राष्ट्रपति ट्रम्प और पोस्टमास्टर जनरल के पोस्टल फंडिंग रोकने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज करा चुके हैं।17 अगस्त को मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया था। केस करने वालों ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि नवम्बर से पहले डिपार्टमेंट को पर्याप्त फंडिंग देने के लिए कहा जाए।
ट्रम्प ने मेल-इन बैलेट का विरोध
ट्रम्प ने कुछ दिन पहले मेल-इन बैलेट्स को धोखा बताया था। उन्होंने कहा था कि डेमोक्रेट्स 2020 के चुनावों में धोखेबाजी करना चाहते हैं। 22 जून को उन्होंने एक ट्वीट किया था। इसमें कहा था कि दूसरे देशों से लाखों लोग मेल-इन बैलेट भेज देंगे। हालांकि, बाद में वे अपनी इस बात से पलट गए थे। कोरोनावायरस को देखते हुए अमेरिका के चुनावों में मेल-इन बैलेट की मांग हो रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ ही ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य भी इसके पक्ष में हैं।
आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं:
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34qT0VB
0 Comments