सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करने या उनको फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते समय गाड़ी में लगे फास्टैग की डीटेल लेने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वाहन पोर्टल के साथ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) को पूरी तरह जोड़ दिया गया है और यह 14 मई को API के साथ लाइव हुआ है। वीकल सिस्टम अब व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर (वीआईएन/वीआरएन) के जरिए फास्टैग पर सभी जानकारी हासिल कर रहा है।
देनी होगी फास्टैग की डीटेल
मंत्रालय ने नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करते समय और नेशनल परमिट के तहत चलने वाले वाहनों को फिटनेस सर्टिफिके जारी करते समय भी फास्टैग की डीटेल लेने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि यह वाहन FASTag भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करता है या नहीं।
बैंक खाते से नहीं जोड़ रहे थे फास्टैग
एम और एन क्लास की गाड़ियों को बेचते समय वाहनों में फास्टैग लगाना 2017 में अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन बैंक खाते के साथ जोड़ने या उन्हें सक्रिय किए जाने से नागरिक बच रहे थे जिसकी अब जांच की जाएगी।
कोरोना को कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि फास्टैग के उपयोग से टोल प्लाजा में कोरोना के प्रसार की संभावनाओं को कम करने में मदद मिलेगी।
क्या है फास्टैग?
यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके। वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं। इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है।
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