सोशल वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक अपना नया हेडक्वार्टर लंदन में बना सकता है। इस संबंध में टिकटॉक की ब्रिटेन सरकार से बातचीत चल रही है। इस मामले से वाकिफ एक सूत्र के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से संबंध तोड़ने के लिए टिकटॉक यह कदम उठा रहा है। चीन से संबंध होने के कारण टिकटॉक को भारत समेत कई देशों में प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि प्रतिबंधों से निपटने के लिए टिकटॉक यह नई रणनीति अपना रहा है।
अन्य शहरोंके नाम पर भी विचार
सूत्रके मुताबिक, नया हेडक्वार्टर बनाने के लिए टिकटॉक लंदन समेत अन्य शहरों के नाम पर भी विचार कर रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी शहर के नाम पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि लंदन के अलावा अन्य किन शहरों के नाम पर विचार हो रहा है। लेकिन टिकटॉक ने इस साल अमेरिका के कैलिफोर्निया में हायरिंग तेज की है। इसमें वाल्ट डिज्नी के पूर्व को-एक्जीक्यूटिव पाउचिंग केविन मेयर का नाम भी शामिल है। मेयर को टिकटॉक का चीफ एक्जीक्यूटिव बनाया गया है।
अमेरिका में हो रही सख्त छानबीन
चीन से संबंध होने के कारण टिकटॉक को अमेरिका में सख्त छानबीन का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका को शक है कि चीन टिकटॉक पर यूजर्स का डेटा शेयर करने का दबाव बना सकता है। टिकटॉक का मालिकाना हक चीन की कंपनी बाइटडांस के पास है।
चीन के बाहर वर्कफोर्स बढ़ाने का अनुमान
सूत्र का कहना है कि कंपनी पिछले कई सप्ताह से अमेरिका पर फोकस कर रही है। लेकिन नया हेडक्वार्टर लंदन में बनाए जाने की भी काफी संभावनाएं हैं। सूत्र का अनुमान है कि टिकटॉक आने वाले वर्षों में चीन से बाहर लंदन समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर भी महत्वपूर्ण साइज में वर्कफोर्स बढ़ा सकता है।
अभी भी चल रही बातचीत
हाल ही में संडे टाइम्स ने एक रिपोर्ट में कहा था कि लंदन में ग्लोबल हेडक्वार्टर बनाने को लेकर टिकटॉक की ब्रिटेन सरकार से बातचीत टूट गई है। हालांकि, सूत्रका कहना है कि ब्रिटेन सरकार और टिकटॉक के बीच अभी भी बातचीत चल रही है। हालांकि, टिकटॉक ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाया
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत ने चीन की कंपनियों पर सख्त रूख अपनाया है। भारत सरकार ने चीनी कंपनियों के टिकटॉक, वीचैट समेत 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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