662 विकेट ले चुके एनटिनी ने कहा- टीम का कोई साथी मेरे साथ खाना नहीं खाता था, हार की जिम्मेदारी मुझ पर डाल देते थे

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एनटिनी (43) ने शुक्रवार को कहा कि वे भी रंगभेद का शिकार हुए हैं। टीम में वे हमेशा से अकेले ही रहे हैं। कोई साथी खिलाड़ी उनके साथ बैठकर खाना भी नहीं खाता था। एनटिनी अपने करियर में 662 इंटरनेशनल विकेट ले चुके हैं। इसमें 390 टेस्ट, 266 वनडे और 6 टी-20 विकेट शामिल हैं।

अमेरिका में 25 मई को पुलिस की बर्बरता के कारण अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही दुनियाभर में रंगभेद के खिलाफ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मूवमेंट शुरू हुआ। वेस्टइंडीज-इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में भी खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर इसका सपोर्ट किया।

‘टीम की रणनीति से भी मुझे दूर रखा जाता था’
एनटिनी ने दक्षिण अफ्रीका के मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं हमेशा अकेला ही रहा हूं। खाना खाने के लिए भी मुझे कोई बुलाने नहीं आता था। अकेले ही खाना खाता था। साथी खिलाड़ी मैच की रणनीति बनाने में भी मुझे शामिल नहीं करते थे। जब मैं ब्रैकफास्ट रूम में जाता था, तब भी कोई मेरे साथ नहीं बैठता था।’’ एनटिनी अपने दौर में शॉन पोलाक, जैक कैलिस, लांस क्लूसनर और मार्क बाउचर जैसे बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर चुके हैं।

‘हार की पूरी जिम्मेदारी मुझ पर डाल दी जाती थी’
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘हम एक जैसी ड्रेस पहनते और एक जैसा ही नेशनल एंथम भी गाते थे, लेकिन मैं हमेशा अलग ही रहा। मैंने कभी इस बारे में किसी साथी से शिकायत नहीं की। बस मैं अपना काम करता रहता था। मैं बस में सबसे पीछे बैठता था, तो साथी खिलाड़ी उठकर आगे बैठने चले जाते थे। टीम की जीत में सभी मिलकर जश्न मनाते थे, लेकिन हार की पूरी जिम्मेदारी मुझ पर ही डाल दी जाती थी।’’

‘मेरा बेटा थांडो भी नस्लवाद का शिकार है’
एनटिनी ने कहा, ‘‘मेरा बेटा थांडो भी नस्लवाद का शिकार हुआ है और उसने भी अकेलापन महसूस किया। जब वह अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेला, तो उसे कैंप में जाने से रोक दिया गया था।’’ 20 साल के थांडो ने अब तक नेशनल टीम में डेब्यू नहीं किया है। थांडो ने 7 फर्स्ट क्लास मैच में 20 विकेट लिए हैं।

फाफ डु प्लेसिस और लुंगी एनगिडी समेत 30 द.अफ्रीकी क्रिकेटर्स का सपोर्ट
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने रंगभेद के खिलाफ ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मूवमेंट का समर्थन किया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि जब तक दुनिया अश्वेत लोगों को अहमियत नहीं देती, तब तक किसी की भी जिंदगी मायने नहीं रखती। डु प्लेसिस से पहले तेज गेंदबाज लुंगी एनगिडी समेत 30 से ज्यादा द.अफ्रीकी क्रिकेटर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मूवमेंट को सपोर्ट कर चुके हैं। हालांकि, इस पर टीम के ही बोएता डिपेनार, पैट सिमकॉक्स और रुडी स्टेन जैसे कुछ खिलाड़ियों ने आलोचना भी की है।



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मखाया एनटिनी (दाएं) ने कहा- मेरा बेटा थांडो (बाएं) भी नस्लवाद का शिकार हुआ है। उसे अंडर-19 वर्ल्ड कप के ट्रेनिंग कैंप में जाने से रोक दिया गया था। -फाइल फोटो


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