इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआती टीमों मे से एक डेक्कन चार्जर्स को बॉम्बे हाईकोर्ट से शुक्रवार को एक खुशखबरी मिली है। डेक्कन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ आईपीएल से गलत तरीके से हटाने का आरोप लगाते हुए केस किया था। कोर्ट ने इस मामले में एक आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था, जिसने डेक्कन के पक्ष में फैसला सुनाया। आर्बिट्रेटर ने बीसीसीआई को जुर्माने के दौर पर डेक्कन को 4800 करोड़ रुपए देने का फैसला सुनाया।
आईपीएल की शुरुआत 2008 से हुई है। इस दौरान डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड (डीसीएचएल) की टीम डेक्कन चार्जर्स ने बीसीसीआई के साथ 10 साल का करार किया था। हालांकि, अब बीसीसीआई आर्बिट्रेटर के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है।
अगस्त 2012 में डेक्कन को आईपीएल से हटाया
इसी बीच 11 अगस्त 2012 को बीसीसीआई ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए डेक्कन को बर्खास्त कर दिया था। इसके खिलाफ डीसीएचएल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद सितंबर 2012 में हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सीके ठक्कर को मामले में आर्बिट्रेटर नियुक्त किया था। डेक्कन के हटने के बाद सनराइजर्स हैदराबाद ने उसकी जगह ली थी।
डेक्कन ने 2009 में आईपीएल खिताब जीता था
डेक्कन चार्जर्स टीम आईपीएल में 4 साल (2008 से 2012) तक खेली। टीम ने एडम गिलक्रिष्ट की कप्तानी में 2009 में खिताब अपने नाम किया था। तब इन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु को हराकर टूर्नामेंट जीता था। डीसीएचएल का पक्ष धीर एंड धीर एसोसिएट्स ने रखा था। वहीं, बीसीसीआई का पक्ष मनियर श्रीवास्तव एसोसिएट्स ने रखा था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ZCwFSo
0 Comments