जिम्बाब्वे के पूर्व विकेटकीपर ततेंदा तायबू ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी मानसिक रूप से काफी मजबूत हैं। यही धोनी की सबसे बड़ी ताकत भी है। तायबू ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान धोनी के हाथ और आंखों के बीच गजब का तालमेल है।
धोनी एक साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने पिछला मैच जुलाई 2019 में वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला था। इस मैच में न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था। धोनी इस बार आईपीएल से वापसी करने वाले थे, लेकिन टूर्नामेंट कोरोना के कारण अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।
धोनी से ज्यादा नेचुरल लगे थे कार्तिक
तायबू ने कहा, ‘‘मैंने जब धोनी को पहली बार देखा था, तब वे इंडिया-ए टीम की ओर से खेल रहे थे। यदि मैं ईमानदारी से कहूं तो, तब मुझे लगा था कि दिनेश कार्तिक धोनी से ज्यादा नेचुरल लगे थे। कीपिंग और बल्लेबाजी दोनों में वे धोनी से ज्यादा नेचुरल थे।’’
कीपिंग में भी धोनी की तकनीक एकदम अलग
जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान तायबू ने कहा, ‘‘कीपिंग में धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं, वह एकदम अलग है। वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते, जिस तरीके से रखे जाते हैं, दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाकर। वे जब गेंद को पकड़ते हैं, तब भी उनके हाथ हमेशा एक जैसे नहीं होते। वे गेंद को पकड़ने में हाथों को तेजी से पास लाते हैं और सफल भी होते हैं। यह एकदम अलग तकनीक है।’’
धोनी की काबिलियत आंकड़ों से नहीं माप सकते
तायबू ने कहा, ‘‘यही अलग तकनीक वाली बात उनकी बल्लेबाजी में भी लागू होती है। उनके हाथ और आंखों के बीच गजब का तालमेल है। लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ हाथ और आंख का तालमेल ही नहीं, बल्कि उनकी मानसिक ताकत भी खास है। आमतौर पर खिलाड़ियों की काबिलियत को आंकड़ों से मापा जाता है। ज्यादातर कोच भी ऐसा ही करते हैं, लेकिन धोनी इन सभी आंकड़ों से अलग हैं।’’
सचिन-द्रविड़ से ट्रेनिंग करना सीखा
पूर्व विकेटकीपर तायबू ने कहा, ‘‘ट्रेनिंग किस तरह से की जाती है, यह बात भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से सीखी है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सचिन और राहुल से काफी कुछ सीखने को मिला है।’’
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