अमेरिका में 11.85 लाख करोड़ रुपए का स्पोर्ट्स मार्केट प्रभावित, 2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार इतना असर

न्यूयॉर्क (मैथ्यू फटरमेन, केविन ड्रेपर, केन बेलसन, एलन ब्लाइंडर).कोरोनावायरस ने दुनिया के स्पोर्ट्स मार्केट को बुरी तरह प्रभावित किया है। सिर्फ अमेरिका में ही 160 बिलियन डॉलर (करीब 11.85 लाख करोड़ रुपए) का मार्केट प्रभावित हुआ है। वहां पर बास्केटबॉल, बेसबॉल, हॉकी, कॉलेज बास्केटबॉल, टेनिस, गोल्फ सहित लगभग सभी खेलों के टूर्नामेंट और लीग अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं। टूर्नामेंट नहीं यानी टिकट बिक्री नहीं, स्पॉन्सरशिप नहीं, एडवरटाइजिंग, नहीं, मीडिया पेमेंट्स नहीं। करीब दो दशक में ऐसा पहली बार हुआ है, जब खेल बाजार पूरी तरह ठप हो गया है। अब इन लीग के मालिकों और स्टेक होल्डर्स को इंश्योरेंस पॉलिसी से ही उम्मीदें हैं। इन खेलों के कैंसल और पोस्टपोन होने का असर खिलाड़ियों, टीम, लीग और आर्गनाइजेशन पर भी पड़ा है।

जेम्स को प्रति मैच 2.96 करोड़ रुपए का नुकसान

एनबीए के सबसे बड़े खिलाड़ी लेब्रन जेम्स को प्रति मैच 2.96 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इससे पहले, खेलों पर इतना असर 2001 में 9/11 हमले अौर 2008 में आर्थिक मंदी के दौरान दिखा था। स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के कंसल्टेंट और स्पोर्ट्स मार्केटिंग फॉर वीसा के पूर्व डायरेक्टर माइकल लिंच ने कहा, ‘ये बड़ा असर है। इसने आर्थिक क्षति तो पहुंचाई ही है। कुछ टीमों और लीग के पास कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े प्रावधान और इंश्योरेंस पॉलिसी हैं, जिनसे कुछ रेवेन्यू कवर हो सकता है। लेकिन इसका आंकड़ा बहुत छोटा है।’

एनबीए के खिलाड़ी लेब्रन जेम्स को प्रति मैच 2.96 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

एनबीए: 33 हजार करोड़ का नुकसान टीवी कॉन्ट्रैक्ट से
एनबीए को कमाई में बड़ा नुकसान टीवी कॉन्ट्रैक्ट से हुआ है। एनबीए कुल 9 बिलियन डाॅलर (करीब 67 हजार करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट करता है। इसका अाधा मीडिया फीस से आता है।, टिकट की बिक्री से भी उसे बहुत नुकसान हुआ है। हालांकि, अभी तक किसी भी टीम ने घोषणा नहीं की है कि वह टिकट की राशि कब रिफंड करेंगी। हालांकि, एनबीए के लेबर कॉन्ट्रैक्ट में प्रावधान है कि टीम प्रत्येक गेम के लिए खिलाड़ियों की सैलरी का एक प्रतिशत वापस ले सकता है। टीमों को यात्रा या गेम पर पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।

एनएचएल: कॉन्सर्ट कराकर रेवेन्यू जनरेट नहीं होगा

एनएचएल के रेवेन्यू का सबसे बड़ा हिस्सा टिकट से आता है क्योंकि अमेरिका में इसका टीवी दर्शक बहुत कम है। लेकिन इस बार मैच नहीं होने से वह रेवेन्यू जनरेट नहीं कर सकेगा। दूसरी लीग की तुलना में नेशनल हॉकी लीग (एनएचएल) अपने नुकसान की भरपाई के लिए मैचों की संख्या कम कर देती है। लॉकआउट में कई टीमें रेवेन्यू बढ़ाने के लिए अपने स्टेडियम में काॅन्सर्ट, दूसरे खेलों के इवेंट कराने की अनुमति दे देती हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं कर पाएगा। लॉकआउट के समय एनएचएल खिलाड़ियों को सैलरी नहीं देता।

एमएलबी : केबल कंपनियों से फीस नहीं मिलेगी
मेजर लीग बेसबॉल (एमएलबी) भी अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस लीग में हर टीम का अपना स्पेार्ट्स नेटवर्क है। इसलिए टीमों पर दोहरी मार पड़ी है। उन्हें टिकट की बिक्री का रेवेन्यू नहीं मिलेगा। साथ ही केबल कंपनियाें से भी फीस नहीं मिलेगी क्योंकि मैच नहीं होने से टेलीकास्ट भी नहीं हो रहा। खिलाड़ियों को फीस भी नहीं मिलेगी क्योंकि इसके प्लेयर कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार, अगर नेशनल इमरजेंसी घोषित हो जाती है और खेल नहीं होते तो कमिश्नर खिलाड़ियों का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर सकता है।

चैरिटी नहीं जुटा पाएंगे, पिछले साल 1500 करोड़ मिले थे
अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि टेनिस और गोल्फ के टूर्नामेंट पर कितना असर हुआ है, क्योंकि इसके सभी खिलाड़ियों का अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट होता है। उन्हें सिर्फ प्राइज मनी का नुकसान होगा। लेकिन गोल्फ में कई पीजीए टूर चैरिटी नहीं जुटा पाएंगे। उन्होंने पिछले साल चैरिटी के लिए करीब 1500 करोड़ रुपए जुटाए थे। वहीं, नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका सीजन फरवरी में खत्म हो चुका है। लीग ने मार्च के अंत में होने वाली एनुअल मीटिंग भी कैंसल कर दी है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
लीग के मालिकों और स्टेक होल्डर्स को इंश्योरेंस पॉलिसी से ही उम्मीदें हैं।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2TXpZLL

Post a Comment

0 Comments

Featured post

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: अक्षरा-अभिमन्यु की शादी के बाद बढ़ीं मुश्किलें, शो में आया बड़ा ट्विस्ट